ट्रांसफर के बाद प्रधान ने किया रिलीव, ईओ ने नहीं छोड़ा कार्यभार
जागरण संवाददाता जींद ईओ के ट्रांसफर के ऑर्डर आने के बाद नगर परिषद में सियासत गरमा
जागरण संवाददाता, जींद : ईओ के ट्रांसफर के ऑर्डर आने के बाद नगर परिषद में सियासत गरमा गई है। नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी का कहना है कि ईओ को रिलीव कर दिया गया है। लेकिन ईओ ट्रांसफर संबंधी कोई भी पत्र ना मिलने की बात कह रहे हैं। शुक्रवार को दिनभर ईओ कार्यालय में रहे और फाइलों पर हस्ताक्षर करते रहे। प्रधान ने डीसी को भी ईओ को रिलीव किए जाने का मैसेज भेजा। वहीं डीसी ने इस मामले में जिला म्युनिसिपल कमिश्नर डा. सुशील कुमार को इस मामले में नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए। हालांकि जिला म्युनिसिपल कमिश्नर ने ज्वाइन नहीं किया है। उनका कहना है कि वे सोमवार को ज्वाइन करेंगे, उसके बाद इस मामले को देखेंगे। ईओ के ट्रांसफर का मामला दिनभर चर्चा में रहा। स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से जारी ट्रांसफर ऑर्डर चार अगस्त के हैं। लेकिन लेटर शुक्रवार को सामने आया। वहीं प्रधान पूनम सैनी का कहना है कि ईओ को 10 अगस्त को जींद नगर परिषद से रिलीव किया जा चुका है।
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ये था मामला
पिछले महीने 17 जुलाई को फाइल पर हस्ताक्षर करने को लेकर जवाहर सैनी व पार्षद काला सैनी का ईओ डा. एसके चौहान के साथ झगड़ा हुआ था। ईओ ने दोनों के खिलाफ सिविल लाइन थाना में शिकायत दी थी। जिसके बाद जवाहर व काला सैनी के खिलाफ पुलिस ने एससी-एसटी की धाराएं लगाते हुए मामला दर्ज किया था। इस मामले में सुलह के लिए दोनों पक्षों की डीएसपी धर्मबीर की मौजूदगी में दो बार मीटिग भी हुई। लेकिन सहमति नहीं बनी। प्रधान समर्थित पार्षदों ने ईओ पर उन्हें कार्यालय में आने से रोकने के आरोप लगाते हुए ट्रांसफर की मांग की थी। वहीं ईओ ने भी प्रधान पति पर नगर परिषद के कामों में अनियमितताएं बरतने के आरोप लगाए थे। जिसके बाद उन्होंने नियमितताओं से संबंधित रिकार्ड बनाकर कार्रवाई के लिए मुख्यालय भी भेजा था।
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सोशल मीडिया पर उठे सवाल
स्थानीय निकाय विभाग की तरफ से ईओ के ट्रांसफर ऑर्डर का पत्र शुक्रवार शाम को सामने आया। जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। लोगों ने सवाल उठाए कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार का मामला उजागर करने पर ईओ का ट्रांसफर किया गया है। नगर परिषद में भ्रष्टाचार का मामला सोमवार को विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने भी जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी की मीटिग में भी उठाया था। ऐसे समय में ईओ के ट्रांसफर पर सवाल उठ रहे हैं। ईओ डा. एसके चौहान के समर्थन में नगर परिषद के कर्मचारी भी खड़े हैं। ऐसे में उनके ट्रांसफर पर कर्मचारी विरोध में आ सकते हैं।
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नहीं मिला ट्रांसफर ऑर्डर
ईओ डा. एसके चौहान ने बताया कि ना तो उनके पास ट्रांसफर ऑर्डर की कॉपी आई है और ना ही रिलीव ऑर्डर की। अगर सरकार की तरफ से कोई ऑर्डर आता है, तो उसकी पालना की जाएगी।
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10 अगस्त को कर चुके हैं रिलीव
नगर परिषद प्रधान पूनम सैनी ने कहा कि ईओ से इंकार करने से क्या होता है। मुख्यालय से ट्रांसफर के ऑर्डर आ चुके हैं। उनका टोहाना ट्रांसफर हुआ है। 10 अगस्त को ईओ को जींद नगर परिषद से रिलीव किया जा चुका है।