निलंबन और एफआइआर रद करने की मांग को लेकर बिजली कर्मियों ने दिया धरना
बिजली निगम के 65 कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर तथा पांच कर्मियों के निलंबन रद रने की मांग को लेकर एचएसईबी वर्कर यूनियन के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने लघु सचिवालय एसई कार्यालय के सामने धरना दिया।
जागरण संवाददाता, जींद : बिजली निगम के 65 कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआइआर तथा पांच कर्मियों के निलंबन रद रने की मांग को लेकर एचएसईबी वर्कर यूनियन के आह्वान पर बिजली कर्मियों ने लघु सचिवालय एसई कार्यालय के सामने धरना दिया। इस दौरान कर्मचारियों ने बिजली निगम अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बिजली निगम कर्मियों का शिष्टमंडल डीआइजी कम एसपी ओपी नरवाल से भी मिला और एसडीओ द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए एफआइआर रद्द करने तथा घटनास्थल की सीसीटीवी फुटेज निकलवा मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। धरने की अध्यक्षता करते हुए महासचिव राजेश शर्मा तथा यूनियन के केंद्रीय नेता वरिष्ठ उप प्रधान कृष्ण नैन ने कहा कि बिजली कर्मचारी 16 अक्टूबर को एसडीओ कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण ढंग से धरना दे रहे थे। एसडीओ विनय सिंह ने अपनी यूनियन के पांच सदस्यों को अपने कार्यालय में बुलाया हुआ था। एसडीओ विनय सिंह के साथ किसी प्रकार का कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया था। जब वे कार्यालय से निकलकर बाहर जा रहे थे, तो उनका पैर ट्रांसफार्मर की केबल से उलझ गया और गिर गए। धरनारत कर्मचारियों ने उन्हें उठाया था। कार्यालय के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से देखा जा सकता है। इसके बावजूद एसडीओ विनय की शिकायत पर पुलिस ने यूनियन के पांच नेताओं को नामजद कर 60 अन्य कर्मियों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करवा दिया। जिस पर निगम के एक्सईएन ने पांचों कर्मचारी नेताओं को निलंबित कर दिया। उनकी समस्याओं का समाधान न होने पर एसई कार्यालय पर धरने का अल्टीमेटम दिया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एसई की मिलीभगत से कर्मचारियों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज हुआ है और पांच नेताओं को निलंबित भी किया गया है। जब तक दर्ज एफआइआर को रद्द नहीं किया जाता और निलंबित कर्मियों को बहाल नहीं किया जाता। तब तक उनका अनिश्चतकालीन धरना जारी रहेगा। अगर उनकी मांगों का समाधान नहीं किया गया, तो जल्द ही रणनीति बनाकर आंदोलन को तेज कर दिया जाएगा। इस मौके पर नरवाना यूनिट प्रधान राजबीर ढिल्लो, जितेंद्र, राजाराम, धर्मबीर, कर्मबीर, रणधीर, राजेश आसन, रामबाग जेई, राजकुमार, अनिल, हरिओम, अमित, दरवेश, नरेंद्र समेत काफी संख्या में कर्मचारी मौजूद थे।