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जींद उपचुनाव में मचा राजनीतिक घमासान, आमने-सामने विपक्ष और सरकार

जींद में आजकल सियासी घमासान मचा हुअा है। जींद उपचुनाव में सत्‍ताधारी भाजपा और विपक्ष आमने-सामने हैं। मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने भी भाजपा के चुनाव अभियान की कमान खुद संभाल ली है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 09:43 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 09:09 AM (IST)
जींद उपचुनाव में मचा राजनीतिक घमासान, आमने-सामने विपक्ष और सरकार
जींद उपचुनाव में मचा राजनीतिक घमासान, आमने-सामने विपक्ष और सरकार

जींद, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा में इसी साल होनेवाले चुनावी फाइनल से पहले जींद सीट का उपचुनाव सेमीफाइनल सरीखा हाे गया है। दिग्‍गजों के सक्रिय हो जाने से जींद उपचुनाव समय से पहले ही रोमांचक दौर में पहुंच गया है। प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होने में अभी 10 दिन बाकी हैं, लेकिन सत्तारूढ़ भाजपा समेत तमाम राजनीतिक दलों के सूरमाओं ने यहां डेरा डाल लिया है। पांच नगर निगमों के चुनाव में जीत से उत्साहित भाजपा के लिए जींद का रण जीतना प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शुक्रवार को खुद यहां मोर्चा संभाल लिया।

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मुख्यमंत्री मनोहर की टी-डिप्लोमेसी, 30 स्थानों पर चाय के साथ मिड्ढा के लिए मांगे वोट

मुख्यमंत्री मनोहर लाल को हालांकि यहां 25 जनवरी से चुनाव प्रचार के लिए उतरना था, लेकिन मुकाबला कड़ा होने की वजह से रणनीतिकारों ने उन्हें समय से पहले ही चुनाव मैदान में उतार दिया। कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला के पक्ष में प्रचार के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर, विधायक दल की नेता किरण चौधरी और विधायक कुलदीप बिश्नोई पहले से मोर्चा संभाले हुए हैं।

जींद के अमरहेड़ी गांव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ग्रामीणों को संबोधित करते हुए।

सुरजेवाला के लिए हुड्डा, दिग्विजय के लिए दुष्यंत और रेढ़ू के लिए अभय चौटाला छान रहे गली-कूचे

जींद को जाटलैंड माना जाता है। 12 बार हुए चुनाव में भाजपा यहां से आज तक चुनाव नहीं जीत पाई। मुख्यमंत्री ने दिवंगत इनेलो विधायक हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा को मैदान में उतारकर जींद में कमल खिलाने की रणनीति तैयार की है। उन्होंने जाट बाहुल्य कंडेला से अपने प्रचार अभियान का श्रीगणेश किया और रात होने तक करीब 30 स्थानों पर चाय पी।

कंडेला, अमरहेड़ी सहित पूरे शहर में जनसंपर्क के दौरान केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह, सांसद रमेश कौशिक, धर्मबीर सिंह, विधायक प्रेमलता, निजी सचिव राजेश गोयल और टिकट के दावेदार रहे जवाहर सैनी सीएम के साथ थे। मुख्यमंत्री ने अपनी चाय चर्चा में टेकराम कंडेला, पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता और टिकट के दावेदार रहे सुरेंद्र बरवाला के घर जाकर मतदाताओं में एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की।

एक गांव में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और भाजपा सांसद रमेश कौशिक।

कांग्रेस, इनेलो और  जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) पहले ही कंडेला में दस्तक दे चुकेहैं। हर चुनाव में प्रत्याशियों की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाने वाली कंडेला खाप का समर्थन जिस प्रत्याशी को मिला, उसकी राह आसान हो जाएगी। नगर निगम के चुनावों में मुख्यमंत्री की चाय पॉलिसी कामयाब रही थी। इस दौरान गिले-शिकवे दूर होने की अधिक संभावनाएं रहती हैं।

जींद में चुना प्रचार के दौरान पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा।

जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला के हक में पिता अजय सिंह चौटाला पहले ही पूरे इलाके को छान चुके हैं। अब भाई दुष्यंत चौटाला और मां नैना चौटाला ने मोर्चा संभाला हुआ है। दुष्यंत अपनी पार्टी का मुकाबला भाजपा से मानकर चल रहे हैं।

इनेलो उम्मीदवार उमेद सिंह रेढ़ू के समर्थन में अभय सिंह चौटाला उतर चुके हैं। उन्होंने 18 गांवों का दौरा कर रेढ़ू के प्रचार अभियान को गति देने की कोशिश की है। अगले तीन-चार दिन में प्रचार अभियान पूरी तरह से रफ्तार पकड़ लेगा। इन दिनों में दिग्गजों की सारी गतिविधियां यहीं से चलने वाली हैं।


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