आनलाइन ठगी के मामले निपटाने को पुलिस की पहल, साइबर अपराध शाखा का गठन
जिले में आनलाइन ठगी के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए एसपी वसीम अकरम ने साइबर अपराध शाखा बनाई है।
जागरण संवाददाता, जींद : जिले में आनलाइन ठगी के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए एसपी वसीम अकरम ने साइबर अपराध शाखा बनाई है। यह सेल एएसपी नितिन अग्रवाल के नेतृत्व में काम करेगी और इंस्पेक्टर सोमबीर ढाका को सैल का इंचार्ज बनाया गया है। जिले में प्रतिदिन तीन से चार आनलाइन ठगी के मामले में सामने आ रहे है। जहां पर ठग गिरोह नए तरीके इजाद करके लोगों के खातों को खाली कर रहे हैं। मामलों की संख्या ज्यादा होने व पुलिस पर पहले से ही ज्यादा वर्क लोड होने के चलते गिरोह के लोगों को पकड़ में नहीं आ रह हैं। अब यह सैल आनलाइन ठगी से संबंधित सभी मामलों को देखगी। एसपी वसीम अकरम ने आदेश दिए हैं कि किसी के साथ आनलाइन ठगी की शिकायत मिलती है तो तुरंत ही प्राथमिकता दर्ज करके उस पर कार्रवाई करें। एसपी वसीम अकरम ने सक्रिय साइबर अपराधियों से लोगों को सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी मोबाइल ऐप, ईमेल, व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेज लिक व फोन पर बात करके गोपनीय जानकारी ले लेते हैं। इसलिए लोग किसी को भी गोपनीय जानकारियां या किसी प्रकार का ओटीपी शेयर न करें। कोरोना काल में लोगों की सहायता और इलाज में खर्च रकम की प्रतिपूर्ति करने के नाम पर ई-मेल, वाट्सएप मैसेज भेजकर ठग झांसे में ले सकते हैं। इसी प्रकार से पेंशन धारकों को भी जालसाजी से सावधान रहने की आवश्यकता है। रिटायर हुए कर्मचारियों का डाटा लेकर पेंशनधारकों से भी फ्राड किया जा सकता है। पेंशन धारकों का भरोसा जीतने के लिए अपराधी उनकी सर्विस रिकार्ड, बैंक अकाउंट, पेंशन भुगतान आदेश व मासिक पेंशन की जानकारी देते हैं। ऐसे में पेंशनधारक साइबर अपराधियों को पेंशन निदेशालय का कर्मी समझ कर विश्वास न करें। अपराधी जीवन प्रमाण पत्र जमा नहीं होने के कारण पेंशन रोके जाने की बात कहते हैं और इसका फायदा उठाकर पेंशन धारक के मोबाइल पर एक एसएमएस भेजते हैं, जिसमें ओटीपी होता है। यह ओटीपी मिलते ही ठग पेंशनधारक के खाते में जमा रुपये आनलाइन दूसरे खाते या ई-वालट में ट्रांसफर कर लेते हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन धारकों को आनलाइन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए विभाग की तरफ से कोई फोन नहीं किया जाता है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने का फोन आता है, तो वह ठगी का मकसद हो सकता है।