हेलमेट नहीं पहनने के कारण ढाई साल में गंवाई 280 लोगों ने जान
हेलमेट का प्रयोग चालान के डर से नहीं बल्कि खुद की सुरक्षा के लिए पहनिये। क्योंकि पिछले ढाई साल में 280 दोपहिया चालकों मौत इसलिए हो गई क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। 1 सितंबर से नए यातायात नियमों के लागू होने के बाद हेलमेट खरीदने वालों की तादाद एकाएक बढ़ी है।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
हेलमेट का प्रयोग चालान के डर से नहीं बल्कि खुद की सुरक्षा के लिए पहनिये। क्योंकि पिछले ढाई साल में 280 दोपहिया चालकों मौत इसलिए हो गई, क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था। 1 सितंबर से नए यातायात नियमों के लागू होने के बाद हेलमेट खरीदने वालों की तादाद एकाएक बढ़ी है। इससे यह आंदाजा लगाया जा सकता है कि लोग अपनी जान के बजाय पुलिस चालान बचाने के लिए ही हेलमेट का प्रयोग करते हैं।
टूट रही जिदगी की डोर
पिछले ढाई साल में 982 सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 510 लोगों को जान गई और 668 घायल हुए। इनमें ज्यादातर 17 से 40 के बीच की उम्र के थे। मरने वाले 510 लोगों में से 280 वह लोग थे जिन्होंने हेलमेट नहीं पहनी थी। आधा दर्जन ऐसे मामले भी सामने आए, जिनमें हेलमेट या तो टूट गया या फिर निकलकर दूर जा गिरा। कुछ हादसों को छोड़ इनमें सिस्टम नहीं, बल्कि हम खुद जिम्मेदार होते हैं। हेलमेट न पहनने की गलती परिजनों को जिदगी भर का दर्द दे जाती है।
आइएसआइ मार्का का हेलमेट जरूरी
मानव का सिर का हिस्सा बहुत संवदेनशील होता है। हादसे में बाइक से गिरते ही सिर सड़क से जा लगता है। सिर पर चोट से आदमी कोमा में जा सकता है तो ज्यादा चोट लगने से जान भी चली जाती है। बाइक या स्कूटी चलाते समय आइएसआइ मार्का का हेलमेट खरीदना चाहिए। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो चालान से बचने के लिए घटिया व सस्ती हेलमेट खरीद लेते हैं। ऐसे लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि ऐसा करने से वह पुलिस चालान से तो बच सकते हैं लेकिन किसी दुर्घटना में सिर को चोटिल होने से नहीं बचा सकते। एक सोचने वाली बात यह भी है कि लोग बाइक या स्कूटी खरीदते समय 50 हजार से 1 लाख रुपये तक खर्च कर देते हैं लेकिन जान बचाने वाला उत्तम क्वालिटी का हेलमेट खरीदना भी गंवारा नहीं होता।
नए नियमों से होगा सुधार : राजा राम
यातायात प्रभारी राजा राम ने बताया कि नए नियमों के लागू होने के बाद सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या में कमी होगी। पहले हेलमेट का चालान केवल 100 रुपये का होता था, अब 1000 रुपये का हो गया है। बार-बार 1000 रुपये का चालान कटवाने की बजाय लोग हेलमेट का प्रयोग करने लगेंगे। उन्होंने भी अपील की कि हेलमेट को चालान की बजाय जिदगी बचाने के रूप में प्रयोग करें।