2200 एड्स मरीजों में से केवल 350 ने ही पेंशन के लिए किया आवेदन
70 एड्स पीड़ितों को मिलनी शुरू हुई 2250 रुपये पेंशन जागरण संवाददाता जींद बुजुर्गों की तज
70 एड्स पीड़ितों को मिलनी शुरू हुई 2250 रुपये पेंशन
जागरण संवाददाता, जींद : बुजुर्गों की तर्ज पर प्रदेश में एड्स पीड़ितों को प्रदेश सरकार ने पेंशन देना शुरू कर दिया है। जिले में एड्स पीड़ित लोग पेंशन लेने में बहुत कम रुचि दिखा रहे हैं। या तो इन लोगों को इस योजना के बारे में अभी तक पता नहीं या फिर इनको पेंशन की जरूरत नहीं हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग के पास 2200 के आसपास एड्स पीड़ित रजिस्टर्ड हैं। इनमें से अभी तक 350 लोगों ने ही आवेदन किए हैं। इन आवेदनों की जांच के बाद 70 लोगों को जुलाई महीने से पेंशन मिलनी शुरू हो गई है।
पिछले वर्ष प्रदेश सरकार ने एड्स पीड़ित लोगों को पेंशन देने की योजना शुरू की थी। जनवरी 2022 से प्रदेशभर में एड्स पीड़ितों से राज्य सरकार ने आवेदन मांगे थे। यह आवेदन संबंधित जिलों के स्वास्थ्य विभाग को करने थे। प्रत्येक जिला में स्वास्थ्य विभाग के पास जितने भी एड्स पीड़ित हैं, उनको अपने जिले के सिविल सर्जन या फिर एड्स के डिप्टी सिविल सर्जन को पेंशन के लिए आवेदन करने थे। इसके अलावा एड्स पीड़ितों के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बस पास भी बनाए जा रहे हैं ताकि उनको दवाई आदि लाने के लिए किसी दूसरे जिले में जाना हो तो किराया नहीं लगे। जिले में 2200 एड्स पीड़ित हैं, जिनका रिकार्ड स्वास्थ्य विभाग के पास है। इन सभी से स्वास्थ्य विभाग ने पेंशन के लिए आवेदन मांगे हैं। जनवरी से अब तक जिले के 350 लोगों ने पेंशन के लिए आवेदन किए हैं। इनमें से स्वास्थ्य विभाग ने सभी कागजातों की जांच करके 70 लोगों की पेंशन शुरू करवा दी है। सभी आवेदनों की जांच करके उनकी पेंशन शुरू करवाई जाएगी। योजना को शुरू हुए आठ महीने होने को हैं लेकिन जिले में बहुत कम लोगों ने पेंशन के लिए आवेदन किए हैं।
एड्स के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डा. संदीप लोहान ने बताया कि जिले में स्वास्थ्य विभाग के रिकार्ड के अनुसार 2200 लोग एड्स पीड़ित हैं। इन सभी को पेंशन के लिए आवेदन करने की सूचना दी जा चुकी है। अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास 350 आवेदन मिले हैं। इनमें से जांच के बाद 70 लोगों की अभी तक पेंशन शुरू हो चुकी है। धीरे-धीरे जांच के बाद पेंशन शुरू की जा रही है। जल्द ही सभी आवेदनों की जांच के बाद पेंशन दी जाएगी।