रोडवेज बेड़े में शामिल हुई सिर्फ 62 बसें, सरकार कर चुकी है करोड़ों खर्च
सरकार बेड़े में बसों को शामिल करने का ¨ढढोरा तो पीट रही है। लेकिन असलियत में तो प्रदेश में पिछले चार सालों में अभी तक सिर्फ 62 बसों को ही शामिल किया गया है। अब जिन बसों को शामिल किया गया है वह इस वित्त वर्ष में की गई है। इनमें भी हर डिपो में बसों की संख्या कम आंकी जा रही है, क्योंकि उससे ज्यादा तो प्रदेशभर के डिपों में बसें कंडम हो चुकी है।
हिमांशु गोयल, जींद
सरकार बेड़े में बसों को शामिल करने का ¨ढढोरा तो पीट रही है। लेकिन असलियत में तो प्रदेश में पिछले चार सालों में अभी तक सिर्फ 62 बसों को ही शामिल किया गया है। अब जिन बसों को शामिल किया गया है वह इस वित्त वर्ष में की गई है। इनमें भी हर डिपो में बसों की संख्या कम आंकी जा रही है, क्योंकि उससे ज्यादा तो प्रदेशभर के डिपों में बसें कंडम हो चुकी है। यात्रियों की संख्या को देखते हुए हर डिपों में आज भी बसों का भारी टोटा है। मौजूदा हालात में जो बसों उनको ही एडजेस्ट कर इधर से उधर चलाया जा रहा है। अधिकतर बसें तो वर्कशॉप में ही खड़ी रहती है। ग्रामीण रूटों पर अगर बसों को लेकर गौर किया जाए तो वहां तो व्यवस्था और भी बेकार है। ग्रामीण स्तर पर बहुत से रूटों पर बसों का आवागमन नहीं है। जिसकी वजह से उन गांवों में आने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना कर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ता है।
बसों को चलाने को लेकर ग्रामीण रोजाना अधिकारियों के चक्कर काटते रहते है। लेकिन विभागीय उनको एक दो दिन का आश्वासन देकर वापस ही भेज देते है। अगर कोई बस चलती भी है तो वह दो या तीन दिन के लिए उसके बाद फिर से वहीं स्थिति बन जाती है। अब ऐसे में नई बसों का क्या फायदा जब लोगों को सुविधा ही नहीं मिली तो।
प्रदेशभर में पिछले चार सालों में ये खरीदी गई बसें
चार साल पहले प्रदेश सरकार ने 62 बसें ही खरीदी थी। विभागीय आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर 2014 में विभाग के पास 4150 ही बसें थी। मार्च 2015 में 4212 थी। इसी माह में विभाग ने 62 बसों को खरीदा था। उसके बाद बसों की संख्या बढ़कर मार्च 2016 में 4208 हो गई। वहीं फिर बसों की संख्या घटकर 4122 रह गई। मार्च 2018 में 4142 और 31 जुलाई 2018 तक 4059 बसें ही रह गई। क्योंकि 2015 के बाद 2018 जुलाई तक कोई भी बस सरकार ने नहीं खरीदी थी। अक्टूबर 2014 व 2015 तक बसों पर सरकार ने बसों पर 70.21 करोड़ व 2015 व 2016 में सरकार 21.92 करोड़ रुपये खर्च चुकी है। जहां सरकार ने 62 बसों को खरीदा है तो वहीं 91 बसें परिवहन विभाग के रोडवेज से बाहर भी हो चुकी हैं।
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परिवहन मंत्री करते है 600 बसों शामिल करने का दावा
परिवहन मंत्री हर बार प्रदेश में 600 से अधिक बसों के शामिल किए जाने का हर बार दावा करते है। जिनके दावे कर वह जनता से वाहवाही लूट रहे हैं। मंत्री के दावों के अनुसार अब इस वित वर्ष में घोषणा के मुताबिक बसों को नहीं खरीदा गया है। अब आगे कितनी बसें बेड़े में शामिल करती है और कितनी नहीं इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
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प्रदेश सरकार बेड़े में बसों की संख्या लगातार बढ़ा रही है, ताकि किसी भी यात्री को परेशानी न हो। जहां तक बात है पिछले चार सालों में बसों की संख्या कम होने की तो वह उपर स्तर की बात है। इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।
आरएस पूनियां, रोडवेज जीएम, जींद।