राखी के रंग में भंग डाल रही आनलाइन खरीदारी
भाई-बहन के अटूट बंधन के पर्व राखी को लेकर दुकानें तो सज गई लेकिन बाजारों से वह रौनक गायब हो गई है जो पहले हुआ करती थी। पहले राखी के त्योहार पर एक सप्ताह पहले ही बाजार गुलजार हो जाते थे।
जागरण संवाददाता, जींद : भाई-बहन के अटूट बंधन के पर्व राखी को लेकर दुकानें तो सज गई लेकिन बाजारों से वह रौनक गायब हो गई है, जो पहले हुआ करती थी। पहले राखी के त्योहार पर एक सप्ताह पहले ही बाजार गुलजार हो जाते थे। बाजारों में दुकानों पर तरह-तरह की राखियां सज जाती थी और खरीदारी के लिए महिलाओं की भीड़ उमड़ जाती थी। बाजारों में तिल डालने की भी जगह नहीं बचती थी लेकिन अब बदलते दौर के साथ आधुनिकता की दौड़ में आनलाइन खरीदारी के ट्रेंड के चलते बाजारों से वह रौनक गायब हो गई है, जो कभी पहले हुआ करती थी। राखी के त्योहार में एक दिन बाकी है लेकिन बाजारों में अपेक्षाकृत भीड़ कम ही नजर आ रही है। दुकानदारों का भी कहना है कि पहले जितनी भीड़ इस बार नहीं है। अब तो राखी के दिन या बस एक दिन पहले ही बाजारों में भीड़ होती है। बहनें अपने दूर रह रहे भाइयों को को राखी खरीद कर डाक द्वारा भेजने की बजाय आनलाइन वेबसाइट से अपनी पसंद की राखी खरीद कर सीधे भाइयों के पते पर ही डिलीवर करवा रही हैं। इससे बाजारों की रौनक ठंडी पड़ गई है।
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