ठगी का नया पैंतरा, फेसबुक अकाउंट हैक कर की जा रही ऑनलाइन ठगी
यदि आपका कोई दोस्त है और वह फेसबुक फ्रेंड भी है। वह आपसे सीधे फोन करने की बजाय फेसबुक मैसेज के जरिए पैसे मांगता है तो समझ लेना कि पैसे आपका दोस्त नहीं बल्कि उसका फेसबुक अकाउंट हैक कर कोई धोखेबाज मांग रहा है।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
यदि आपका कोई दोस्त है और वह फेसबुक फ्रेंड भी है। वह आपसे सीधे फोन करने की बजाय फेसबुक मैसेज के जरिए पैसे मांगता है तो समझ लेना कि पैसे आपका दोस्त नहीं, बल्कि उसका फेसबुक अकाउंट हैक कर कोई धोखेबाज मांग रहा है। दोस्त के फेसबुक अकाउंट की आड़ में आपके साथ कभी भी ठगी हो सकती है। इसलिए पैसे ट्रांसफर करने से पहले फोन पर बात जरूर कर लें, नहीं तो डिजिटल ठगों का अगला निशाना आप हो सकते हैं। दरअसल इन दिनों ठगी का यह नया ट्रेंड चल रहा है। हर रोज किसी न किसी का फेसबुक अकाउंट हैक कर रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को ठगा जा रहा है। ठग गिरोह कभी एटीएम का पासवर्ड पूछ तो कभी पेटीएम या दूसरे माध्यम से और कभी फोन पर ओटीपी पूछ बैंक खातों से हजारों की राशि पल भर में गायब हो जाती हैं। अभी एक दिन पहले ही सफीदों के वार्ड नंबर 10 निवासी अमन सैनी के फेसबुक अकाउंट को हैक कर उसके रिश्तेदारों और जान-पहचान के लोगों से पैसे मांगे गए। उसके एक दोस्त ने 8 हजार रुपये ट्रांसफर भी कर दिए। बाद में पता चला अमन का अकाउंट हैक कर किसी ने उनके साथ धोखा किया।
ठगी का शिकार होने से बचा
जोगिद्र श्योकंद ने बताया कि उसकी एफबी में जो दोस्त है उनके से किसी के पास मैसेज गया कि उसका बच्चा बीमार है रुपये की जरूरत है। इस तरह का कोई मैसेज उसने किसी को नहीं किया, लेकिन उसकी एफबी आईडी को हैक करके मैसेज उसके जानकारों के पास किया। इस बात का पता जब उसे चला जब उसके दोस्त विकास का फोन आया कि उसे पैसे की जरूरत क्यों है। एफबी को हैक करके रुपये बीमारी के नाम पर मांगे जा रहे है।
युवक प्रदीप ने बताया कि उसके पास मैसेंजर पर मैसेज आया जो उसकी फ्रेंड लिस्ट में है कि उसके दोस्त की बेटी बीमार है। उसकी बेटी का दिल्ली में इलाज चल रहा है। इसलिए जल्द से जल्द दस हजार रुपये पेटीएम कर दे। जब मैसेंजर पर आए मैसेज करने वाले को फोन काल या वाट्सएप करने के लिए कहा तो वो मना कर गया। इसलिए इस तरह के फ्रॉड मैसेज से बचना चाहिए ताकि किसी तरह का धोखा न हो।
वजर््न
फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल पर आने वाले बेमतलब के सर्वे के लिक को क्लिक कर अपनी जानकारी नहीं भरें। मॉल, मेलों, पेट्रोल पंपों पर मिलने वाले कूपनों पर अपनी पर्सनल डिटेल शेयर न करें। बिना काम की एक को डाउनलोड नहीं करें। अगर साइबर क्राइम हो भी जाता है, तो यह कब हुआ, उसकी तारीख और समय नोट कर लें। सबूत इकट्ठे करें, जिनका इस्तेमाल कार्रवाई में होगा।
---दिनेश कुमार, शहर थाना प्रभारी, जींद।