बरसात के बीच जलाभिषेक करने पहुंचे श्रद्धालु, पुलिस रही तैनात
शिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं ने शिवालयों में जलाभिषेक किया। हालांकि रविवार अल सुबह बरसात थी लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं पूजा के लिए शिवालयों में पहुंचे।
जागरण संवाददाता, जींद : शिवरात्रि पर्व पर श्रद्धालुओं ने शिवालयों में जलाभिषेक किया। हालांकि रविवार अल सुबह बरसात थी, लेकिन फिर भी श्रद्धालुओं पूजा के लिए शिवालयों में पहुंचे। कोरोना के चलते मंदिरों में सुरक्षा कर्मियों की तैनाती रही। हालांकि शिव रात्रि की पूर्व संध्या पर शहर में विभिन्न स्थानों पर होने वाले धार्मिक कार्यों पर रोक रही। जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की सुबह से ही मंदिरों के बाहर लंबी लाइनें लगनी शुरू हो गई थी। बम-बम भोले के जयकारों से मंदिर परिसर गुंजायमान रहे। प्राचीन भूतेश्वर मंदिर में तो थर्मल स्कैनिग के बाद ही श्रद्धालुओं को प्रवेश करने दिया गया। मंदिर के मुख्य भवन में प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहा। मुख्य भवन के बाहर अलग-अलग दो टंकियां रखवाई गई थी। इनके सहारे जलाभिषेक किया गया। इन टंकियों को पाइप के सहारे पवित्र शिवलिग तक जोड़ा गया था। बरसात के बीच में अल सुबह साढ़े तीन बजे ही मंदिर में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे। प्राचीन भूतेश्वर मंदिर प्रबंधक समिति के महासचिव रमेश सैनी ने बताया कि मंदिर प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिग भी की गई। उनके हाथों को सैनिटाइज किया गया। श्रद्धालुओं के पूरे शरीर को सैनिटाइज करने के लिए एक विशेष रास्ते से मंदिर में प्रवेश कराया गया। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, दूध और गंगा जल, पंचमेवा भगवान को समर्पित किया। दोपहर तक मंदिर में पहुंचने वालों का तांता लगा रहा। इसके अलावा शहर के रानी तालाब स्थित हरि कैलाश मंदिर, जयंती देवी मंदिर, सोमनाथ मंदिर, बनखंड महादेव मंदिर, जवालमलेश्वर, महादेव मंदिर में भी में भी काफी श्रद्धालु पहुंचे।
जयंती देवी मंदिर में प्रसाद वितरित किया
जयंती देवी मंदिर में कोरोना के चलते श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। मंदिर के बाहर पुलिस बल तैनात रहा। मंदिर में पकौड़े और खीर का प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर के पुजारी पंडित नवीन शास्त्री ने बताया कि कोरोना महामारी को देखते हुए नियमों की पालना की गई। शारीरिक दूरी का पूरा ध्यान रखा गया।