Move to Jagran APP

सेवाओं संबंधी फाइल नहीं रोक सकेंगे अधिकारी : डीसी

डीसी नरेश नरवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सेवा का अधिकार अधिनियम को सख्ती से लागू करने के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग का आटो अपील साफ्टवेयर (एएएस) लांच किया है जो क्रांतिकारी कदम है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Nov 2021 04:48 PM (IST)Updated: Sun, 14 Nov 2021 04:48 PM (IST)
सेवाओं संबंधी फाइल नहीं रोक सकेंगे अधिकारी : डीसी
सेवाओं संबंधी फाइल नहीं रोक सकेंगे अधिकारी : डीसी

जागरण संवाददाता, जींद : डीसी नरेश नरवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सेवा का अधिकार अधिनियम को सख्ती से लागू करने के लिए हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग का आटो अपील साफ्टवेयर (एएएस) लांच किया है, जो क्रांतिकारी कदम है। इस साफ्टवेयर के शुरू होने से अब आमजन को अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। इस व्यवस्था के तहत सेवा के लिए निर्धारित अवधि के अंदर नोडल अधिकारी को सेवा प्रदान करनी होगी, नहीं तो वह स्वयं अपील में उच्चाधिकारी के पास पहुंच जाएगी। संबंधित अधिकारी देरी के लिए स्वयं जिम्मेदार होगा। अब कोई अधिकारी फाइल को नहीं रोक सकेगा। उन्होंने कहा कि आटो अपील नाम का साफ्टवेयर बहुत महत्वपूर्ण है। जनता से जुड़े किसी काम की फाइल अधिकारी ने यदि तय समय में नहीं निपटाई तो वह स्वत: वरिष्ठ अधिकारी के पास चली जाएगी और वहां भी काम नहीं हुआ, तो यह फाइल हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के पास पहुंच जाएगी। अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी फाइल रोकता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। तीन बार जुर्माना लगा तो संबंधित अधिकारी की नौकरी भी जा सकती है। अगर कोई अधिकारी अधिनियम के अनुसार निर्धारित समय में सेवाएं उपलब्ध नहीं करवाता है या आवेदन को रद करता है, तो इस स्थिति में संबंधित नागरिक 30 दिन के भीतर प्रथम कष्ट निवारण अथारिटी के पास अपील कर सकता है। अथारिटी इस संबंध में आवेदक को एक सप्ताह में सेवाएं उपलब्ध करवाने के आदेश दे सकता है। अगर आवेदक इस स्तर पर भी संतुष्ट नहीं होता है, तो वह प्रथम कष्ट निवारण अथारिटी के फैसले के 60 दिन के भीतर द्वितीय कष्ट निवारण अथारिटी के पास अपील कर सकता है। आवेदक यहां भी संतुष्ट नहीं होता है, तो वह 90 दिन में हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवा सकता है। अगर संबंधित अधिकारी दोषी पाया जाता है, तो आयोग उस पर 250 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना कर सकता हैं। अगर आयोग को अधिकारी का रवैया ठीक प्रतीत नहीं होता है, तो वह देरी के लिए 250 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना भी कर सकता है। अधिनियम में जिन सेवाओं का उल्लेख किया गया है, उनको सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करना होगा।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.