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हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग के लिए लंबा इंतजार नहीं, बढ़ेगी बसें

हैवी लाइसेंस की ट्रेनिग के लिए अब कई-कई महीने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Dec 2019 08:14 AM (IST)Updated: Fri, 13 Dec 2019 08:14 AM (IST)
हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग के लिए लंबा इंतजार नहीं, बढ़ेगी बसें
हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग के लिए लंबा इंतजार नहीं, बढ़ेगी बसें

हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग के लिए लंबा इंतजार नहीं, बढ़ेगी बसें

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जागरण संवाददाता, जींद: हैवी लाइसेंस की ट्रेनिग के लिए अब कई-कई महीने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दस-दस महीने तक चलने वाली वेटिग को कम करने की खातिर रोडवेज ने ट्रेनिग स्कूल की बसों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है। बसों की संख्या बढ़ने के बाद वेटिग कम होगी और ट्रेनिग के लिए जो नंबर 10 महीने बाद आना था, वह तीन-चार महीने में ही आ जाएगा।

बस, ट्रक या दूसरे बड़े वाहन चलाने के लिए हैवी लाइसेंस की जरूरत होती है। हैवी लाइसेंस से पहले लाइट लाइसेंस का होना जरूरी है। हैवी लाइसेंस के लिए कई दस्तावेज तैयार करने के बाद ऑनलाइन अप्लाई करना पड़ता है। ऑनलाइन फार्म के फाइनल सबमिट करते ही कंप्यूटर स्क्रीन पर यह दिख जाता है कि हैवी लाइसेंस की ट्रेनिग के लिए कितने दिन या महीने बाद आपका नंबर आएगा। नंबर आने के बाद रोडवेज के ट्रेनिग स्कूल में प्रशिक्षार्थियों की 35 दिन की ट्रेनिग होती है। बायोमीट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगती है, जिससे गड़बड़ी की संभावना नहीं रहती। 35 दिनों की ट्रेनिग के बाद एक फाइनल टेस्ट होता है। उसमें पास होने के कुछ दिनों बाद सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। बसों की संख्या बढ़ते ही टूट जाएगी वेटिग

फिलहाल यह हो रहा है कि रोडवेज ड्राइविग ट्रेनिग स्कूल में 7 बसें हैं, जिन पर हैवी लाइसेंस के लिए ट्रेनिग दी जा रही है। इस समय 10-10 महीने तक आवेदकों को ट्रेनिग के लिए अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। फिलहाल भी 1500 से ज्यादा आवेदक ट्रेनिग के लिए वेटिग में हैं। इतनी लंबी वेटिग को देखते हुए रोडवेज ने बसों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। पांच और बसों को ड्राइवर ट्रेनिग स्कूल में शामिल कर स्कूल में कुल 12 बसें हो जाएंगी। इससे यह वेटिग टूट जाएगी। जिन आवेदकों का नंबर 10 महीने बाद आना है, उनका नंबर तीन या चार महीने बाद ही आ जाएगा। हजारों लोगों को होगा फायदा

जींद जिले में एक ही ट्रेनिग स्कूल है, जिसके कारण यहां वेटिग लंबी रहती है। जींद से पहले तो दूसरे जिलों में ही ट्रेनिग के लिए नंबर आ जाता है, इसलिए यहां के लोग आसपास के दूसरे जिलों में ट्रेनिग लेने को मजबूर होते हैं। ट्रेनिग बसों की संख्या बढ़ते ही हर बैच में ज्यादा आवेदकों को ट्रेनिग मिलेगी और ट्रेनिग के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। फरवरी में शुरू होने वाले बैच में बढ़ जाएगी बसों की संख्या

जींद के रोडवेज ड्राइविग स्कूल के इंचार्ज अमित लोहान ने बताया कि अगला बैच जनवरी में शुरू होगा। उसके बाद 12 फरवरी से शुरू होने वाले बैच में बसों की संख्या बढ़ जाएगी। रोडवेज की जो बसें कंडम घोषित हो जाती हैं, उन्हें अच्छी तरह से मेंटेनेंस कर दोबारा से ऑन रूट करने की परमिशन ली जाएगी और उन बसों को ट्रेनिग स्कूल में शामिल किया जाएगा।

-अमित लोहान, इंचार्ज, ड्राइविग स्कूल, जींद


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