स्वीमिग पूल की सुविधा भी नहीं, तीर्थों और तालाबों में प्रेक्टिस कर जीत रहे मेडल
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन सेक्टर-9 स्थित स्वीमिग पूल को पांच साल में शुरू नहीं कर पाए हैं लेकिन जिले के मेहनती युवा तीर्थों व गांवों के तालाबों में प्रैक्टिस करके भी पदक ला रहे हैं। इन युवाओं को स्वीमिग पूल की सुविधा मिल जाए तो पदकों की झड़ी लग सकती है।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन सेक्टर-9 स्थित स्वीमिग पूल को पांच साल में शुरू नहीं कर पाए हैं, लेकिन जिले के मेहनती युवा तीर्थों व गांवों के तालाबों में प्रैक्टिस करके भी पदक ला रहे हैं। इन युवाओं को स्वीमिग पूल की सुविधा मिल जाए तो पदकों की झड़ी लग सकती है।
इस समय प्रदेश भर में जींद जिले के रामराये गांव की स्वीमिग की टीम अव्वल है। इस गांव के युवा जोहड़ में प्रैक्टिस करके ही पदक जीत रहे हैं। खेल प्रशिक्षकों का कहना है कि बिना संसाधनों के भी जिले के युवा इतना शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं, यदि उन्हें स्वीमिग पूल की सुविधा मिल जाए तो जींद जिले का नाम राष्ट्रीय पटल पर भी छा सकता है। प्रदेश सरकार चाहे खेल नीति को लेकर कितने ही दावे क्यों नहीं करती हो, लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है। बात जींद जिले की हो जाए तो यहां स्वीमिग के लिए न खेल विभाग की कोई सुविधा है और न ही पर्याप्त कोच हैं। प्रशिक्षकों के अभाव में खेल प्रतिभाएं दम तोड़ रही हैं। खेल विभाग की तरफ से कहीं भी स्वीमिग पूल की सुविधा खिलाड़ियों को उपलब्ध नहीं करवाई गई है। खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए उचित प्लेटफार्म नहीं मिल पा रहा है। सेक्टर-9 में बन चुका स्वीमिग पूल शुरू होने से पहले ही जर्जर होने लग गया है।
तालाबों, तीर्थों में प्रेक्टिस कर युवा बना रहे स्वीमिग में भविष्य
स्वीमिग पुल की सुविधा नहीं मिली तो युवाओं ने खुद ही अपना भविष्य संवारने की कवायद शुरू की और गांवों के तालाबों और तीर्थों में ही प्रैक्टिस शुरू कर दी। जींद, रामराय, पिडारा, नगूरां, ईक्कस के हजारों युवा स्वीमिग की प्रैक्टिस करने में जुटे तो उनकी मेहनत धीरे-धीरे रंग लाने लगी। सालों की मेहनत के बाद जिले के सैकड़ों युवा आज स्वीमिग में महारथ हासिल कर चुके हैं। तालाबों में ही प्रैक्टिस कर यह युवा इस मुकाम पर पहुंचे हैं।
स्वीमिग प्रतियोगिता में रामराय प्रदेश में टॉप
स्वीमिग प्रतियोगिताओं में जिले में सबसे ज्यादा मेडल रामराय, ईक्कस गांवों में आए हैं। अकेले रामराय गांव में ही एक हजार से ज्यादा मेडल युवाओं द्वारा लाए जा चुके हैं। रामराय के आशीष शर्मा, मधुसूदन शर्मा, कपिल गौतम, नवीन ढुल, नवनीत ढुल, कपिल ढुल, मनीष गौतम, अंकित गौतम समेत दर्जनों ऐसे तैराक हैं, जो राष्ट्रीय लेवल पर अपना नाम चमका चुके हैं। यह युवा रामराय के रामह्दय तीर्थ में खुद भी प्रैक्टिस करते हैं और तैराकों की नई पौध तैयार करने में जुटे हैं। इस समय स्वीमिग में रामराय पूरे प्रदेश में टॉप पर है। आशीष शर्मा ने बताया कि गांव के विनय ढुल समेत दूसरे लोग समय-समय पर स्वीमिग की प्रतियोगिता करवाते रहते हैं, जिससे उन्हें हौसला मिलता है।
खिलाड़ियों की मांग, जल्द मिले स्वीमिग पूल की सुविधा
रामराय, ईक्कस, नगूरां समेत जिले के सभी तैराकों ने मांग की है कि जिले में स्वीमिग पूल की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए, ताकि वह प्रैक्टिस कर ओलंपिक में मेडल ला सकें। जींद में एकलव्य स्टेडियम के साथ पौने 5 करोड़ से बने आधुनिक स्वीमिग पूल को खेल विभाग के अधीन किया जाए, ताकि वह प्रैक्टिस कर सकें।