अक्षय तृतीया पर न बने कोई बालिका वधु, महिला बाल संरक्षण की रहेगी नजर
रविवार को अक्षय तृतीया (अखा तीज) है। हर साल अक्षय तृतीया को शादियों की धूम मचती है। इस बार कोरोना वायरस की वजह से शादी-समारोह में भीड़ जुटाने पर रोक लगी है।
जागरण संवाददाता, जींद : रविवार को अक्षय तृतीया (अखा तीज) है। हर साल अक्षय तृतीया को शादियों की धूम मचती है। इस बार कोरोना वायरस की वजह से शादी-समारोह में भीड़ जुटाने पर रोक लगी है। ऐसे में अक्षय तृतीया के मौके पर कोई बालिका वधु न बने, इस पर महिला एवं बाल संरक्षण विभाग की पैनी नजर रहेगी।
रविवार को अक्षय तृतीया है और यह वह दिन होता है, जिसमें शादी के लिए पंडित से मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं होगी। लोग इस मुहूर्त को विवाह समारोह के लिए खास मानते हैं। इस दिन होने वाली शादियों पर महिला एवं बाल विवाह निषेध विभाग की पैनी नजर है। क्योंकि इस दिन कुछ लोग नाबालिगों को भी विवाह के बंधन में बांध देते हैं, जो कि गलत है। जिले में बाल विवाह पिछले वर्षों के मुकाबले घटकर आधे से भी कम रह गए हैं। बाल विवाह एक्ट के अनुसार लड़के की आयु 21 वर्ष से कम तथा लड़की की आयु 18 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। अब बाल विवाह के केस में पोक्सो एक्ट का केस दर्ज करवाने का प्रावधान भी कर दिया गया है। बाल विवाह से संबंधित सूचना तुरंत महिला हेल्पलाइन नम्बर 1091, 100 नम्बर या 8814011559 पर दी जा सकती है। पुजारी, सरपंच, पंच, आंगनवाड़ी वर्कर्स करें मदद : सुनीता
जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी सुनीता ने 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया (अक्खा तीज) पर्व के अवसर पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए मंदिर के पुजारी, गांव के पंच, सरपंच, आंगनवाड़ी वर्कर्स व नंबरदार तथा शहर के नगर पार्षदों से अपील की है कि वह अपने अपने गांव व क्षेत्रों में इस दिन आयोजित होने वाली शादियों की जानकारी जुटाएं और यह सुनिश्चित करें कि कहीं कोई बाल विवाह का मामला तो न हो। उनके साथ रवि लोहान, महिला कांस्टेबल रेनू, नीलम आदि साथ रहे।