बेसहारा घूम रहे गोवंश को पकड़ने के 400 रुपये दे रही नगर परिषद, चारे के लिए नहीं कोई बजट
नगर परिषद ने शहर में बेसहारा घूम रहे गोवंश को पकड़ने के लिए बगैर किसी योजना के ठेकेदार को ठेका देकर खानापूर्ति कर दी है।
जागरण संवाददाता, जींद : नगर परिषद ने शहर में बेसहारा घूम रहे गोवंश को पकड़ने के लिए बगैर किसी योजना के ठेकेदार को ठेका देकर खानापूर्ति कर दी है। ठेकेदार गोवंश को पकड़ कर जयंती देवी मंदिर के पास बनी नंदीशाला में छोड़ रहा है। लेकिन इन गोवंश को चारा कहां से मिलेगा, इसकी कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ठेकेदार गोवंश को नंदीशाला में छोड़ कर प्रति गोवंश 400 रुपये लेगा। इसके बाद गोवंश जीए या भूखा मरे, इससे उसका कोई लेना-देना नहीं है। वहीं नंदीशाला में पहले से ही एक हजार से ज्यादा गोवंश है। जिनके लिए अकसर चारे की किल्लत रहती है। सरकार की तरफ से तो नाम मात्र की मदद मिलती है। बाकी सब दानी-सज्जनों के भरोसे ही चलता है। फिलहाल भी शहर में एक हजार से ज्यादा गोवंश सड़कों पर है। लेकिन सवाल ये है कि जब नंदीशाला में पहले से मौजूद गोवंश के लिए ही चारे की व्यवस्था में संचालन कमेटी को दिक्कतें आ रही हैं, तो बाहर से इसके अंदर छोड़े जाने वाले गोवंश के लिए चारा कहां से आएगा। वहीं इस मामले में नगर परिषद के ईओ अरूण सिंह का कहना है कि उनका काम शहर में घूम रहे गोवंश को पकड़ कर नंदीशाला में पहुंचाने का है। चारे के लिए बजट का कोई प्रावधान नहीं है। नंदीशाला में चारे व गोवंश की देखभाल को लेकर सोमवार को मीटिग भी होनी है। जिसमें अधिकारियों के साथ नंदीशाला संचालन कमेटी, सामाजिक संस्थाएं, गांवों के सरपंच हिस्सा लेंगे।
चुनाव से पहले दिया था ठेका
नगर परिषद ने विधानसभा चुनाव से पहले शहर में घूम रहे बेसहारा गोवंश को पकड़ने के लिए टेंडर दिया था। ठेकेदार को गोवंश को पकड़ कर नंदीशाला में छोड़ना है। पकड़े गए गोवंश की पहचान के लिए उसकी टैगिग भी कराई जा रही है। प्रति गोवंश नगर परिषद ठेकेदार को 400 रुपये देगी। ठेकेदार 500 के लगभग गोवंश को पकड़ कर नंदीशाला में छोड़ चुका है। उसके बावजूद शहर में सड़कों पर गोवंश की भरमार है।
ये हो चुके हादसे का शिकार
1-शहर की सड़कों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश का शिकार पूर्व विधायक स्वर्गीय डॉ. हरिचंद मिढ़ा भी हुए थे। सांड़ों की लड़ाई के दौरान चपेट में आने के कारण उन्हें काफी ज्यादा चोटें आई थी। काफी लंबे उपचार के बाद भी वे इस चोट से उभर पाए थे।
2-वर्ष 2010 में गाड़ी के सामने आवारा पशु आने के कारण हुए सड़क हादसे में डॉ. अश्विनी शर्मा की मौत हो गई थी। कुछ साल पहले जींद-जुलाना रोड पर किनाना गांव के समीप आवारा पशुओं के कारण हुए सड़क हादसे में वकील कमल गोस्वामी की मौत हो गई थी।
3-सितंबर 2017 में हांसी रोड बड़ा बीड़ में बाइक सवार हिसार जिले के मिर्चपुर गांव निवासी करीब 24 वर्षीय युवक सुमित की सांड की चपेट में आने से मौत हो गई। वहीं आवारा पशुओं के कारण हुए सड़क हादसे में जाट संस्था के पूर्व उपप्रधान मास्टर रण सिंह की मौत हो गई थी।
4- जुलाई 2018 में जींद-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक पर बड़ौदा गांव के पास सामने सांड आने से मालगाड़ी पटरी से उतर गई। मालगाड़ी के पटरी से उतरने से दस ट्रेनें काफी लेट हो गईं। गनीमत ये रही कि कोई यात्री गाड़ी नहीं थी। नहीं तो काफी बड़ा हादसा हो सकता था।
वर्जन
नगर परिषद शहर में घूम रहे गोवंश को पकड़ कर जयंती देवी मंदिर के पास बनी नंदीशाला में छोड़ रही है। लेकिन इन गोवंश के लिए चारे की नगर परिषद या प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। दानी सज्जनों के सहयोग से व्यवस्था करा रहे हैं। वहीं गांवों से पराली मंगाई जा रही है। सरकार की तरफ भी लाखों रुपये की मदद आई है। लेकिन अकेले उससे काम नहीं चल सकता।
स्वामी राघवानंद, प्रधान, नंदीशाला संचालन कमेटी