एनएचएआइ की अपील खारिज, किसानों को मिलेगा बढ़ा हुआ मुआवजा
कुरुक्षेत्र के गंगहेड़ी से नारनौल तक बनने वाले नेशनल हाईवे नंबर 352-डी के लिए अधिग्रहित जमीन की मुआवजा राशि में बढ़ोतरी को लेकर जंग लड़ रहे जिले के किसानों को आर्बिट्रेशन कोर्ट से राहत मिली हुई है। मुआवजा बढ़ाए जाने के फैसले को एनएचएआइ (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने आर्बिट्रेशन कोर्ट में चुनौती दी थी जिसे आर्बिट्रेशन अध्यक्ष ने खारिज कर दिया।
प्रदीप घोघड़ियां, जींद
कुरुक्षेत्र के गंगहेड़ी से नारनौल तक बनने वाले नेशनल हाईवे नंबर 352-डी के लिए अधिग्रहित जमीन की मुआवजा राशि में बढ़ोतरी को लेकर जंग लड़ रहे जिले के किसानों को आर्बिट्रेशन कोर्ट से राहत मिली हुई है। मुआवजा बढ़ाए जाने के फैसले को एनएचएआइ (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने आर्बिट्रेशन कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे आर्बिट्रेशन अध्यक्ष ने खारिज कर दिया। नेशनल हाइवे को अब किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा ही देना होगा। इससे जुलाना के सात गांवों सहित पिल्लूखेड़ा ब्लॉक के हजारों किसानों को फायदा होगा। मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिन भी किसानों की जमीन नेशनल हाईवे द्वारा अधिग्रहित की गई है, वह किसान अपने दस्तावेज जमा करवाकर मुआवजा ले सकते हैं।
नेशनल हाईवे 152-डी के लिए जिले के 22 गांवों के 4190 किसानों की 5819 कनाल 7 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। इसमें जुलाना ब्लॉक के सात गांवों बुढ़ाखेड़ा लाठर, फतेहगढ़, लिजवाना कलां, लिजवाना खुर्द, नंदगढ़, सिरसा खेड़ी व किलाजफरगढ़ की 2458 कनाल 16 मरले जमीन भी शामिल है। इन सातों गांवों के किसान मुआवजा कम दिए जाने के खिलाफ कई महीने से आंदोलन कर रहे थे। किसानों द्वारा आंदोलन को उग्र करने और रेल रोके जाने की चेतावनी के बाद डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने सरकार को पत्र लिख मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग की थी। इस पर मुआवजा बढ़ाने की मंजूरी मिल गई थी, लेकिन तभी एनएचएआइ ने मुआवजा बढ़ाने के फैसले के खिलाफ आर्बिट्रेशन कोर्ट में याचिका डाली थी। 10 दिसंबर, 2019 को आर्बिट्रेशन कोर्ट के अध्यक्ष उपायुक्त डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने एनएचएआइ की याचिका को खारिज कर किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा देने की घोषणा की। मुआवजा बढ़ने से जुलाना के सात गांवों के हजारों किसानों को लाखों रुपये का फायदा होगा।
मुआवजा राशि बढ़ने के बाद इन गांवों के किसानों को मिलेगा प्रति एकड़ के हिसाब से इतना मुआवजा
गांव का नाम -सड़क किनारे जमीन की मुआवजा राशि -सड़क से दो एकड़ दूर मुआवजा
बुढ़ा खेड़ा लाठर -5811000 रुपये -4344500 रुपये
फतेहगढ़ -5366800 रुपये -4346700 रुपये
लिजवाना कलां -5305700 रुपये -4345500 रुपये
लिजवाना खुर्द -5372000 रुपये -4295000 रुपये
नंदगढ़ -5369400 रुपये -4338000 रुपये
सिरसा खेड़ी -5363600 रुपये -4346700 रुपये
किलाजफरगढ़ -7566000 रुपये -4303800 रुपये
(नोट- यह ब्याज समेत जोड़कर मिलने वाली कुल राशि प्रति एकड़ है। )
सिरसा खेड़ी और नंदगढ़ गांव के किसानों ने अभी तक नहीं जमा करवाए दस्तावेज
आर्बिट्रेशन के अध्यक्ष द्वारा बढ़ा हुआ मुआवजा देने की घोषणा के बाद जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित हुई है, उन किसानों ने अपने दस्तावेज डीआरओ कार्यालय में जमा करवाने शुरू कर दिए। जुलाना क्षेत्र के सिरसा खेड़ी गांव के 44 और नंदगढ़ गांव के 138 पात्र किसान हैं लेकिन किसी भी किसान ने अभी तक दस्तावेज जमा नहीं करवाए हैं। फतेहगढ़ गांव के 133 पात्र किसानों में से एक को, बुढ़ा खेड़ा लाठर के 312 में से 26, लिजवाना कलां के 336 में से 6, लिजवाना खुर्द के 156 में से 23, किलाजफरगढ़ के 359 में से 23 पात्र किसानों ने ही अपने दस्तावेज जमा करवाए हैं।
दो करोड़ मुआवजे के लिए अभी भी धरने पर किसान
इस हाइवे के लिए जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण हुआ है, वे बढ़ाए मुआवजे से भी संतुष्ट नहीं हैं। किसान लगभग दस माह से किलाजफरगढ़ गांव में धरने पर बैठे हैं। किसानों की मांग है कि उन्हें मुआवजे के रूप में प्रति एकड़ दो करोड़ रुपये दिए जाएंगे। किसानों ने 10 अप्रैल को उचित मुआवजे की मांग को लेकर किलाजफरगढ़ गांव में धरना शुरू किया था। किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने मुआवजा राशि कुछ प्रतिशत बढ़ाई। इसके बाद भी किसानों ने धरना खत्म नहीं किया और दो करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से लेने पर अड़े हुए हैं।
पात्र किसान जल्दी डीआरओ कार्यालय में जमा करवाएं दस्तावेज : डीसी
डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने कहा कि जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, वह किसान जल्द से जल्द डीआरओ कार्यालय में अपने दस्तावेज जमा करवाएं, ताकि सड़क निर्माण की प्रक्रिया में तेजी आए। पात्र किसानों को अपनी नकल जमाबंदी, एप्लीकेशन, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक पासबुक की कॉपी, नोटरी से सत्यापित एफिडेविट, आधार कार्ड या दूसरी कोई पहचान पत्र आईडी जिला राजस्व अधिकारी कार्यालय में जमा करवानी होगी। दस्तावेज जमा करवाते समय पात्र के अलावा एक गवाह के तौर पर नंबरदार या दूसरा मौजिज व्यक्ति भी होना चाहिए।