ध्यान को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना जरूरी : सुभाष
जागरण संवाददाता, जींद : आत्मा को जानने के लिए ध्यान सबसे सजग और सरल तरीका है। अध्यात्म मार्ग प
जागरण संवाददाता, जींद : आत्मा को जानने के लिए ध्यान सबसे सजग और सरल तरीका है। अध्यात्म मार्ग पर चलने के पांच पड़ा व तन, मन, बुद्धि, आत्मा और परमात्मा अर्थात भगवान जैसे तन को जानने के लिए दर्पण की आवश्यकता है वैसे ही मन को जानने के लिए अनुभव और बुद्धि को जानने के लिए गुरु और आत्मा को जानने के लिए ध्यान की जरूरत है। यह बात ब्रह्मर्षि सुभाष पत्री ने डीएवी स्कूल में शिक्षकों को ध्यान का क्रियात्मक प्रशिक्षण देते हुए कही। इस अवसर पर आयुष विभाग की निदेशक डॉ.संगीता ने अपने अनुभवों को बांटा और अपने शरीर में हुए परिवर्तनों को बताते हुए महसूस किया। ब्रह्मर्षि ने बताया कि यदि ध्यान को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएंगे तो अनेकों अनुभव महसूस करेंगे। इस मौके पर डीएवी संस्थाओं के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, रश्मि विद्यार्थी, राजेश कुमार मौजूद रहे।