लंबे चले आंदोलन से टूटा नहीं किसानों का हौसला : बरसोला
किसानों का तीनों कृषि कानूनों को लेकर धरना खटकड़ टोल के पास जारी है।
संवाद सूत्र, उचाना : किसानों का तीनों कृषि कानूनों को लेकर धरना खटकड़ टोल के पास जारी है। अध्यक्षता पूर्व सरपंच ज्ञानीराम ने की। सांकेतिक अनशन पर अलीपुरा के वेदप्रकाश, भागीरथ, मोहनगढ़ छापड़ा के बल्लड़, पनिहारी के सुरेश, रूपगढ़ के छज्जराम रहे। खेड़ा खाप प्रधान सतबीर बरसोला ने कहा कि आंदोलन को चारी महीने से अधिक का समय दिल्ली बॉर्डर पर तो 108 दिन टोल के पास चलते हुए हो गया है। जितना लंबा आंदोलन चल रहा है उतना किसानों का हौसला बढ़ रहा है। आंदोलन लंबा होने से किसानों का हौसला नहीं टूट रहा है बल्कि हौसला बढ़ा है। धरनों पर गेहूं के सीजन में भी उमड़ रही भीड़ से साफ है कि किसान 2024 तक आंदोलन करने के लिए तैयार है। जब तक तीनों कृषि कानून रद नहीं होते जब तक किसानों का धरना अनुशासन, संयम से जारी रहेगा। भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां किसान गर्मी, सर्दी की परवाह करने वाला नहीं है। किसान आंदोलन निरंतर जारी रहेगा। आज किसान आंदोलन से हर कोई जुड़ रहा है। हर किसी को ये बात समझ में आने लगी है कि जो किसान आज आंदोलन कर रहे है वो हर किसी के लिए कर रहे है। ये जो तीनों कानून है इससे सिर्फ पूंजिपतियों को फायदा होगा। महंगाई बढ़ेगी जिसकी मार किसान पर पड़ेगी। जब किसान के पास आलू होते है तो वो सस्ता होता है जब व्यापारी के पास होते है तो ये महंगा हो जाता है। आज खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा बन चुकी है। इस मौके पर सिक्किम सफा खेड़ी, लीलू बड़नपुर, बलराज नगूरां, कैप्टन रणधीर दरियावाला, कुलबीर निडानी, शीला जुलानी, बबली खटकड़, अनीता खटकड़, गीता छातर, अंगूरी खटकड़, सुखदेई खटकड़, परमेर्श्वरी खटकड़, शीला झील, नीलम सेढ़ा माजरा, बिमला उचाना, निर्मला बड़ौदा, कांता बड़ौदा मौजूद रही।