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बगैर एनओसी के ही चल रही अधिकतर औद्योगिक इकाइयां

क्षेत्र में ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां ने बगैर फायर सेफ्टी एनओसी के ही चल रही हैं। उद्यमी एनओसी लेना जरूरी नहीं समझते। वहीं दमकल विभाग ने भी कभी गंभीरता से नहीं लिया और एनओसी ना लेने वाली किसी भी औद्योगिक इकाई पर कार्रवाई नहीं की गई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:40 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 07:40 AM (IST)
बगैर एनओसी के ही चल रही अधिकतर औद्योगिक इकाइयां
बगैर एनओसी के ही चल रही अधिकतर औद्योगिक इकाइयां

जागरण संवाददाता, जींद : क्षेत्र में ज्यादातर औद्योगिक इकाइयां ने बगैर फायर सेफ्टी एनओसी के ही चल रही हैं। उद्यमी एनओसी लेना जरूरी नहीं समझते। वहीं दमकल विभाग ने भी कभी गंभीरता से नहीं लिया और एनओसी ना लेने वाली किसी भी औद्योगिक इकाई पर कार्रवाई नहीं की गई। पुराने हांसी रोड पर औद्योगिक क्षेत्र में आधे से ज्यादा औद्योगिक इकाई बंद पड़ी हैं और करीब दो दर्जन इकाई चालू हालत में हैं। इनमें से भी कुछ ही ने दमकल विभाग से एनओसी ली हुई है। दिल्ली की तरह अगर यहां कोई आगजनी की घटना होने पर बड़ा हादसा हो सकता है। कुछ माह पहले लैदर फैक्ट्री में आग लगी थी। ये आग स्टोर में रखे सामान में लगी थी और वहां कोई कर्मचारी ना होने से बड़ा हादसा होने से टल गया। अगर आग फैक्ट्री में रखे कैमिकल तक पहुंच जाती, तो कोई भी अनहोनी घट सकती थी। दिल्ली में फैक्ट्री में आगजनी से बहुत सी जानें चली गई और कई परिवार बर्बाद हो गए। देखना ये होगा कि ऐसे हादसों से प्रशासन सबक लेता है या नहीं। वैसे भी कोई हादसा होने पर ही सुरक्षा की याद आती है। मई में सूरत के एक कोचिग सेंटर में आग लगने से हुए हादसे के बाद सरकार व प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए सभी कोचिग सेंटरों की जांच करने और उन्हें तुरंत एनओसी लेने के आदेश दिए गए। लेकिन जैसे ही कुछ समय बीता, अधिकारी भी भूल गए और कोचिग सेंटर संचालकों ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया।

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होटल वाले भी नहीं लेते एनओसी

यही हाल होटलों का है। ज्यादातर होटल बगैर एनओसी के ही चल रहे हैं। नियमानुसार होटल के लिए दमकल विभाग से एनओसी लेना जरूरी होता है। कुछ माह पहले सरकार ने दमकल विभाग से रिपोर्ट भी मांगी थी। जिसमें स्कूल, अस्पताल, होटल, कोचिग सेंटर समेत अन्य सभी संस्थानों की जांच करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद एक-दो संस्थान को छोड़ कर किसी ने एनओसी नहीं ली।

11 गाड़ियों के भरोसे 14 लाख आबादी की सुरक्षा

दमकल विभाग के पास भी पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। जिला मुख्यालय पर पांच गाड़ियां हैं, लेकिन चालक केवल तीन हैं। वहीं जिलेभर में करीब 14 लाख आबादी पर केवल 11 गाड़ियां हैं। जोकि पर्याप्त नहीं हैं। फायर सेफ्टी के लिए एनओसी लेने की क्या प्रक्रिया है, इसकी ज्यादातर को जानकारी ही नहीं है। उद्यमियों का कहना है कि एनओसी के लिए ऑनलाइन अप्लाई करते हैं, तो साइट ही नहीं चलती।

मजबूरी में ही लेते हैं एनओसी

फायर ऑफिसर आत्माराम ने बताया कि कुछ फैक्ट्री संचालकों ने ही एनओसी ली हुई है। वे भी तब एनओसी लेते हैं, जब किसी काम के लिए एनओसी लेना मजबूरी होती है। बीमारी की वजह से वे अभी छुट्टी पर हैं। जल्द ही फैक्ट्री संचालकों से बात करेंगे और वहां की फायर सेफ्टी को लेकर जांच की जाएगी। कार्यालय में स्टाफ के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा हुआ है।


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