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मौसम में ठंडक घुलते ही मच्छर सक्रिय, डेंगू के मरीजों का ग्राफ बढ़ा

जिले में मछर जनित बीमारियों में डेंगू रोगियों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। जिले में 17 डेंगू पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं जबकि मलेरिया रोगी तीन हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 09:20 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 06:26 AM (IST)
मौसम में ठंडक घुलते ही मच्छर सक्रिय, डेंगू के मरीजों का ग्राफ बढ़ा
मौसम में ठंडक घुलते ही मच्छर सक्रिय, डेंगू के मरीजों का ग्राफ बढ़ा

जागरण संवाददाता, जींद : जिले में मच्छर जनित बीमारियों में डेंगू रोगियों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। जिले में 17 डेंगू पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जबकि मलेरिया रोगी तीन हैं। मौसम में ठंडक घुलने के कारण मच्छर सक्रिय हैं। हालांकि पिछले साल की तुलना में इस साल उक्त बीमारियों पर काफी नियंत्रण है। जिन इलाकों से डेंगू-मलेरिया पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं, वहां मलेरिया विभाग की टीम एंटी लारवा एक्टिविटी के अलावा मास फीवर सर्वे कर रहे हैं। जबकि पिछले साल डेंगू के 98 और मलेरिया के 17 केस आए थे। शहर की बाहरी कॉलोनियों में पड़े खाली प्लाटों में पानी ठहरने से परेशानी भी बढ़ गई है। खाली प्लाटों में ठहरे पानी में अब मच्छर पनपने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें डोर-टू-डोर जाकर जागरूकता अभियान चला रही है, लेकिन नगर परिषद के अंतर्गत आने वाले इन खाली प्लाटों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इन प्लाटों के बारे में स्वास्थ्य विभाग अवगत तो करवा रहा है, लेकिन किसी भी प्लाट मालिक को नोटिस नहीं जारी किया। दरअसल यह मौसम डेंगू व मलेरिया के मच्छरों के लिए काफी उपयुक्त माना जाता है। ऐसे में खतरा काफी बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार मच्छर ठहरे हुए पानी में अधिक पनपता है। मच्छर को पनपने से रोकने के लिए पानी की निकासी होना अनिवार्य है।

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स्वास्थ्य विभाग कर सकता है जुर्माना

स्वास्थ्य विभाग द्वारा भले ही जांच की जा रही है, पानी ठहरने के कारण मच्छर पनपने की संभावना पर किसी को भी नोटिस नहीं दिया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग खाली प्लाट में पानी ठहरने पर 100 रुपये जुर्माना भी कर सकता है लेकिन इसकी जहमत नहीं उठाई जा रही है।

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सेक्टर 8 में खाली जमीन पर छोड़ रहे पानी

शहर के सेक्टर आठ में हुडा विभाग द्वारा खाली पड़े प्लाट में सीवर के पानी को छोड़ा जा रहा है। खाली जमीन पर भरे पानी में मच्छर पनप रहे हैं और इसका सीधा असर सेक्टरों में रहने वाले लोगों पर दिखाई दे रहा है। नए सेक्टरों में डेंगू संभावित मरीजों की काफी संख्या है, लेकिन विभाग के आंकड़ों में अभी तक दो ही मरीज सामने आए है, लेकिन अधिकतर मरीज नागरिक अस्पताल के बजाए हिसार व रोहतक के निजी अस्पतालों में इलाज ले रहे हैं।

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पिछले पांच साल में आए डेंगू व मलेरिया के केस

साल मलेरिया डेंगू

2014 51 01

2015 45 668

2016 17 156

2017 27 135

2018 17 98

2019 3 17

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जानें कैसे और कब होता है डेंगू

डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। इन मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं। ये मच्छर दिन में, खासकर सुबह काटते हैं। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है।

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इस तरह फैलता है

डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उसका खून चूसता है। खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर में चला जाता है। जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।

वर्जन

स्वास्थ्य विभाग की टीम एंटी लारवा एक्टिविटी के अलावा मास फीवर सर्वे कर रहे हैं। जहां पर भी मलेरिया व डेंगू का मरीज सामने आता है वहां पर फोगिग करवाई जा रही है।पिछले दिनों शहर के अधिकतर एरिया में फोगिग करवाई गई।

डॉ. शशि प्रभा अग्रवाल, सिविल सर्जन जींद


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