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खेड़ी मसानियां में 70 से अधिक सुअरों की मौत, अफ्रीकी स्वाइन फीवर की आशंका

--पशुपालन विभाग मौत से कर रहा मना डीसी बोले करवाएंगे जांच जागरण संवाददाता जींद। सुअर

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 11:50 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 11:50 PM (IST)
खेड़ी मसानियां में 70 से अधिक सुअरों की मौत, अफ्रीकी स्वाइन फीवर की आशंका
खेड़ी मसानियां में 70 से अधिक सुअरों की मौत, अफ्रीकी स्वाइन फीवर की आशंका

--पशुपालन विभाग मौत से कर रहा मना, डीसी बोले करवाएंगे जांच जागरण संवाददाता, जींद।

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सुअरों में फैले अफ्रीकी स्वाइन फीवर के बीच जिले में काफी संख्या में सुअरों के मरने के मामले आ रहे हैं। हालांकि पशुपालन विभाग बीमारी से मना कर रहा है। डीसी डा. मनोज कुमार ने इसकी जांच करवाने की बात कही है। हालांकि पशुपालन विभाग के सूत्रों के अनुसार कुछ मरे हुए सुअर के सैंपल भेजे जा रहे हैं।

जिले के मोरखी गांव में सुअरों की मौत बाद वीरवार को उचाना खंड के खेड़ी मसानियां में करीब 70 सुअरों की मौत का मामला सामने आया है। सुअर पालकों का कहना है कि इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है। इन लोगों ने कहना है कि पशुपालन विभाग से कोई भी नहीं आया है। एक तरफ पशुपालन विभाग लंपी वायरस के संक्रमण से जूझ रहा है, दूसरी तरफ अफ्रीकी स्वाइन फीवर ने हड़कंप मचा दिया है। मोरखी गांव के सुअर पालकों का कहना है कि उनके गांव में करीब 40 सुअरों की मौत हो चुकी है और खेड़ी मसानियां में पिछले करीब एक सप्ताह में 70 सुअरों की मौत हो चुकी है। मोरखी गांव निवासी सुअर पालक रोशन, बंटी, प्रेम, अनूप, राममेहर, कप्तान का कहना है कि लगातार सुअरों की मौत हो रही है। दूसरी तरफ खेड़ी मसानियां गांव निवासी सुनील का कहना है कि उसके 15 सुअर व 18 बच्चे, सतीश का एक सुअर, राजेश के दो, शमशेर के सात, राकेश के दो सुअर सात बच्चे व कुलदीप के 18 सुअर की मौत हो चुकी है।

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बीमारी के लिए फिलहाल कोई दवा नहीं

पशुपालन उप निदेशक डा. रविद्र हुड्डा के अनुसार दूसरे जिलों में बीमारी आई है, तो यहां भी आने की संभावना है, लेकिन अभी तक कोई मामला नहीं आया है। इस बीमारी के लिए फिलहाल कोई दवा नहीं है। साधारण स्वाइन फीवर की दवा उपलब्ध है। इसके लिए नियमित टीकाकरण किया जाता है।

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जांच करवाई जाएगी

डीसी डा. मनोज कुमार के अनुसार अभी तक उनकी जानकारी में इस प्रकार का मामला नहीं आया है। यदि ऐसा है, तो पशुपालन विभाग की टीम को गांव में भेज कर पता करवाया जाएगा। मरने वाले सुअर की जांच करवाई जाएगी।


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