रूई पीनने की तीन झोपड़ियों में लगी आग, लाखों का सामान जला
रानी तालाब के पास मंगलवार रात को झोपड़ियों में लगाई गई रूई पीनने की मशीनों में आग लग गई। आग लगने से मशीनों के साथ वहां पर तैयार रखी रजाई गद्दे व रूई जलकर राख हो गई।
जागरण संवाददाता, जींद : रानी तालाब के पास मंगलवार रात को झोपड़ियों में लगाई गई रूई पीनने की मशीनों में आग लग गई। आग लगने से मशीनों के साथ वहां पर तैयार रखी रजाई, गद्दे व रूई जलकर राख हो गई। देर रात को दमकल विभाग की गाड़ी ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। घटना के समय झोपड़ी में एक व्यक्ति सो रहा था, लेकिन वह आग की चपेट में आने से बाल बाल बच गया। रुई पिनने के काम करने वालों ने रंजिश के चलते उनकी झोपड़ियों में आग लगाने का आरोप लगाया है। आग लगने के कारणों का पता लगाने के लिए शहर थाना पुलिस की टीम पास की दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला। कौशिक नगर निवासी भूरा अली, राजू, सिटी रेलवे स्टेशन के निकट रहने वाले राजबीर परिवार पिछले काफी समय से रानी तालाब के निकट खाली प्लाट में अस्थायी तौर पर झोपड़ियां डालकर रूई पीनने तथा रजाई भरने का कार्य करते हैं। कौशिक नगर के दो युवक उनके साथ रंजिश रखते हैं। इसी रंजिश के चलते रात को उनकी झोपड़ियों में आग लगा दी। आगजनी की इस घटना में वहां रखी मशीनें, इंजन, रजाईयां, रुई व अन्य सामान जलकर राख हो चुका था। घटना के दौरान सिटी रेलवे स्टेशन के नजदीक रहने वाला प्रकाश झोपड़ी में सोया हुआ था। जो बाल-बाल बच गया। राजबीर, राजू तथा भूरा अली ने आरोप लगाया कि कौशिक नगर निवासी हरीराज व अजय उनसे रंजिश रखे हुए हैं। जिसके चलते उन्होंने उनकी झोपड़ियों में आग लगाई है। एक सप्ताह पहले भी उन्होंने आग लगाई थी, लेकिन तत्परता के चलते आग पर काबू पा लिया गया था। दोनों के खिलाफ शहर थाना पुलिस को शिकायत दी गई है।
कारोबार उजड़ने से बिलख रही थी महिलाएं
आगजनी की घटना में झोपड़ियों के साथ मशीन व रुई जलने के बाद परिवार के लोग मौके पर बैठकर रो रहे थे। वहां पर बैठी महिला का कहना था कि उनका रोजगार ही उजड़ गया है। सर्दी के मौसम में ही उनका काम धंधा चलता है, लेकिन अभी उनका पूरा सामान जल गया है। अब दोबारा से चालू करने की क्षमता भी नहीं है, अगर फिर भी चालू करेंगे तो उस समय तक सर्दी का मौसम जा चुका होगा।