सीएम दरबार पहुंचते ही 15 मिनट में पास हुआ बिल
दूध एजेंसी संचालक का सीएम दरबार से मिलने पहुंचने पर 15 मिनट में ही बिल पास हो गया।
डेढ़ साल से मिठाई के बिल के लिए अधिकारियों के दरबार में चक्कर काट रहे दूध एजेंसी संचालक का सीएम दरबार से मिलने पहुंचने पर 15 मिनट में ही बिल पास हो गया। वर्ष 2018 में अधिकारियों ने 290 डिब्बे वीटा के मंगवा तो लिए, लेकिन उनके बिल पास करने वाला कोई नहीं था। गणतंत्र दिवस समारोह के लिए सीएम जब रेस्ट हाउस पहुंचे तो एजेंसी संचालक भी अपनी शिकायत लेकर पहुंच गया। जैसे ही शिकायतकर्ता आने का पता सीनियर अधिकारियों के पास पहुंचा तो वह हरकत में आ गए और आनन-फानन में शिकायकर्ता को मनाने के लिए दो-तीन अधिकारी लगा दिए, लेकिन जब शिकायकर्ता सीएम से मिलने की जिद्द रखी तो मिठाई आने से अनजान बने अधिकारी भी सीएम के जाने के बाद बिल पास करने का आश्वासन देने लगे। जब शिकायकर्ता वहां से नहीं गया तो सीनियर अधिकारियों ने तुरंत प्रभाव से बिल की पेमेंट देने के आदेश दिए और 15 मिनट में उसकी पेमेंट कर दी। बड़ा हादसा होने के बाद खुल रही नींद
पीडब्ल्यूडी की बड़े हादसे होने के बाद ही आंखे खुल रही है। सड़कों पर बने गड्ढों के बारे में शिकायत करने के बाद भी विभाग कार्रवाई नहीं करता। जब इन गड्डों के कारण से बड़ा हादसा हो जाता है तो विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों की नींद खुलती है। इसे पहले तो कर्मचारी शिकायतों को देखते तक नहीं हैं, अगर कोई बार-बार चक्कर काटता है तो बजट आने के बाद गड्ढों को ठीक करने की बात कहीं जाती है। जब बड़ा हादसा हो जाता है तो उसके बाद पता नहीं कहां से बजट आता है और उसके बाद रातों-रात उन गड्ढों को भर दिया जाता है। लोगों में आम चर्चा हैं कि बजट नहीं बल्कि कर्मचारियों की काम करने की इच्छा नहीं होना मुख्य कारण है। पिछले चार माह में जिले में सड़कों पर बने गड्ढों से दो बड़े हादसों में 12 नौजवानों की जान जा चुकी है। दोनों ही हादसों के बाद विभाग ने गड्ढों को बंद किया।
कर्मचारियों को सता रहा वीडियो बनने का डर
लघु सचिवालय के साथ राजस्व विभाग के कर्मचारियों को इन दिनों वीडियो बनने का डर सता रहा है। पिछले एक माह में कर्मचारियों की एक के बाद एक वीडियो वायरल हो चुकी है। इसके कारण कर्मचारी सचेत हो गए हैं और कई कार्यालयों के कर्मचारी तो हाथ में मोबाइल लेकर आने वाले लोगों को टोकना शुरू कर दिया हैं और मोबाइल को जेब में रखकर बात करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा इन कार्यालयों में ऐसे भी लोग सक्रिय हो गए हैं, जो अपना काम करवाने के लिए कर्मचारी के कान में पैसे लेते हुए का वीडियो होने की बात करते हैं। एक कार्यालय में तो एक महिला ही कर्मचारी के पास पहुंच गई और सीट पर बैठे कर्मचारी को यह कहकर डरा दिया कि उसका पैसे लेते का वीडियो उसके पास है। अगर उसका काम अभी नहीं किया तो वीडियों को वायरल कर देगी। पुलिस वेरिफिकेशन में चाय वालों का अहम रोल
पासपोर्ट व नौकरी के लिए पुलिस थानों में वेरिफिकेशन करवाना आसान नहीं है। जिले के कई पुलिस थानों के बाहर चाय की दुकान चलाने वाले इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यालय से दूरी पर बने पुलिस थानों में बिना जेब गर्म के थानों में बैठे कर्मचारी फाइल पर हाथ तक नहीं लगाते। जब परेशान होकर प्रार्थी कुछ ऑफर करता है तो थानों में तैनात कर्मचारी थाने के बाहर चाय बनाने वाले लोगो की तरफ इशारा कर देते हैं और चाय वाले के पास रुपये पहुंच जाते हैं तो हाथों-हाथ कार्य कर दिया जाता है। अगर कोई इसके लिए ऑफर नहीं करता है तो वह चक्कर लगता रहता हैं। ऐसा नहीं है कि यह हालात किसी एक थाने ही, बल्कि मुख्यालय से दूर बने अधिकतर थानों की यही हालत है, अगर कोई शिकायत लेकर सीनियर अधिकारियों के पास पहुंचता है तो उनको फटकार लगाकर छोड़ देते हैं।