राइट टू रिकॉल एक्ट के विरोध में सरपंचों ने फूंका डिप्टी सीएम का पुतला
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के राइट टू रिकॉल एक्ट लाए जाने के विरोध में सरपंचों ने प्रदर्शन कर गोहाना रोड पर लघु सचिवालय के सामने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका।
जागरण संवाददाता, जींद : डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के राइट टू रिकॉल एक्ट लाए जाने के विरोध में सरपंचों ने प्रदर्शन कर गोहाना रोड पर लघु सचिवालय के सामने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला फूंका। बाद में मांगों का ज्ञापन देने के लिए लघु सचिवालय पहुंचे लेकिन वहां पर कोई भी ज्ञापन लेने के लिए नहीं पहुंचा। इससे खफा सरपंचों ने रोड जाम करने की चेतावनी दी तो डीसी खुद रेस्ट हाउस पहुंचे और सरपंचों से ज्ञापन लिया।
जींद के रेस्ट हाउस में सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र राणा के नेतृत्व में जिले भर के सरपंच एकत्रित हुए। यहां पर बैठक कर राइट टू रिकॉल एक्ट का विरोध किया गया। सुरेंद्र राणा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के इस फेरबदल के पक्ष में वह नहीं है। अगर राइट टू रिकॉल एक्ट इतना ही अच्छा कानून है तो इसे पहले विधानसभा और लोकसभा में लाया जाए। उसके बाद बेशक इसे पंचायतों पर लागू कर दिया जाए, उन्हें कोई आपत्ति नहीं होगी। इस एक्ट के लागू होने पर गांवों का भाईचारा तो खराब होगा ही, साथ ही गांवों में विकास कार्य भी गति नहीं पकड़ पाएंगे। गांवों में राजनीति बढ़ जाएगी और जो सरपंच चुनाव हारेगा, वह साल भर इसी जुगत में लगा रहेगा कि सरपंच को किस प्रकार पद से हटाया जाए। गांवों के विकास कार्यों में अड़ंगा लगाने आसार रहेंगे, इसलिए इस एक्ट को पास नहीं किया जाए। मीटिग के बाद डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का पुतला आग के हवाले किया गया।
मटीरियल को ई-टेंडरिग के जरिए जारी करने का भी जताया विरोध
सरपंचों ने पंचायती कार्यों के लिए मैटीरियल को ई-टेंडरिग द्वारा जारी करने का भी विरोध जताया। इसके अलावा मांग की गई कि 15वें वित्त आयोग की राशि की अदायगी डोंगल के माध्यम से न की जाए। पिछले दो सालों से मनरेगा के पक्के कार्यों की राशि नहीं दी गई है, इसे जारी किया जाए। पीएमएवाई ग्रामीण की राशि ग्रामीणों के खाते में डाली जाए।
कुछ विकास कोरोना ने रोका तो अब सरकार बन रही रोड़ा
रूपगढ़ गांव के सरपंच संदीप अहलावत ने बताया कि गांवों के कुछ विकास को तो कोरोना ने रोक दिया, अब बाकी बचे विकास कार्यों पर सरकार अनाप-शनाप एक्ट बनाकर रोक लगाने का काम कर रही है। इस एक्ट का सभी सरपंच विरोध करते हैं।
ज्ञापन लेने कोई नहीं पहुंचा तो बिफरे सरपंच
प्रदर्शन के बाद अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपने के लिए सरपंच लघु सचिवालय पहुंचे। यहां पर डीसी, एसडीएम, सीटीएम नहीं थे, इसलिए काफी देर तक कोई भी ज्ञापन लेने नहीं पहुंचा। इससे सरपंच बिफर गए और रोड जाम करने की चेतावनी दी। बाद में डीसी डॉ. आदित्य दहिया खुद रेस्ट हाउस सरपंचों के पहुंचे और उनका ज्ञापन लिया। काफी देर तक सरपंचों के बातचीत कर उनकी मांगों को सुना और उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।