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महात्मा हंसराज ने बुराइयों को दूर करने के लिए शिक्षा को बनाया हथियार

महात्मा हंसराज के जयंती समारोह पर डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल में हवन एवं वर्चुअल कार्यक्रम हुआ। विशिष्ट अतिथि डीएवी कालेज पिहोवा के प्राचार्य डा. कामदेव झा ने महात्मा हंसराज के जीवन पर प्रकाश डाला।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 06:06 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 06:06 PM (IST)
महात्मा हंसराज ने बुराइयों को दूर करने के लिए शिक्षा को बनाया हथियार
महात्मा हंसराज ने बुराइयों को दूर करने के लिए शिक्षा को बनाया हथियार

जागरण संवाददाता, जींद : महात्मा हंसराज के जयंती समारोह पर डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल में हवन एवं वर्चुअल कार्यक्रम हुआ। विशिष्ट अतिथि डीएवी कालेज पिहोवा के प्राचार्य डा. कामदेव झा ने महात्मा हंसराज के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि तिरंगे में अशोक चक्र इन्हीं का सुझाव था। महात्मा हंसराज ने शिक्षा को हथियार बनाकर समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का कार्य किया था। गृहस्थ होते हुए भी अवैतनिक प्रिसिपल के रूप में काम कर एक अनूठी मिसाल कायम की। दयानंद ब्रह्म महाविद्यालय के प्राचार्य डा. प्रमोद योगार्थी ने बताया कि महात्मा हंसराज हमेशा गीता के श्लोक को जीवन में धारण करते हुए मनुष्य को धैर्य के साथ अपने जीवन में आगे बढ़ते रहना चाहिए। कर्म करते रहो, फल की चिता ना करें।

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संयोजन कर्ता डीएवी पुलिस पब्लिक स्कूल के मुख्याध्यापक राजेश कुमार ने बताया कि हंसराज से हमें समर्पण, निष्ठा और सादगी की प्रेरणा मिलती है। हम अपने जीवन में इसे धारण कर जीवन को पर उठा सकते हैं।

आंदोलन क्षति पूर्ति वसूली कानून को रद करे सरकार

जागरण संवाददाता, जींद : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हरियाणा सरकार की ओर से आंदोलन क्षति पूर्ति वसूली कानून के खिलाफ लघु सचिवालय पर धरना दिया गया। कानून को रद कराने की मांग को लेकर तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को मांग-पत्र भेजा गया।

किसान, मजदूर व कर्मचारी संगठनों से लोग मंगलवार को लघु सचिवालय के सामने इकट्ठा हुए और दोपहर तक धरना दिया। धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा राज्य अध्यक्ष फूल सिंह श्योकंद, सीटू राज्य उपाध्यक्ष रमेश चंद्र, सर्व कर्मचारी संघ से रामफल दलाल ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार आम जनता के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रही है। कोरोना का भय दिखाकर पहले खेती में तीन काले कानून लाए गए। मजदूरों के 44 श्रम कानूनों को चार कोड में बदल दिया। सार्वजनिक क्षेत्र को कौड़ियों के भाव बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बेचा जा रहा है। बिजली बिल 2020, नई शिक्षा नीति, न्यू ट्रांसपोर्ट बिल जनता पर थोपा जा रहा है। पहले यूपी सरकार ने, अब हरियाणा सरकार ने आंदोलन की क्षतिपूर्ति वसूली कानून बनाया है। जो संविधान को खत्म करने की न केवल तैयारी है, बल्कि अघोषित इमरजेंसी सरकार द्वारा लगा दी गई है। तीनों कृषि कानून भी रद करके सरकार समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की गारंटी का कानून लाए। संगठन नेताओं ने 25 अप्रैल को भाजपा अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ के जींद में होने वाले कार्यक्रम का भी विरोध करने का एलान किया।


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