दूरदर्शन चैनल पर आई कई सालों के बाद रामयाण, महाभारत
लॉकडाउन में घरों में बंद लोग ने कई साल के बाद दूरदर्शन चैनल पर आई रामायण महाभारत को देखा। सुबह 9 बजे रात को 9 बजे रामायण तो दोपहर 12 बजे महाभारत का प्रसारण हो रहा है।
संवाद सूत्र, उचाना : लॉकडाउन में घरों में बंद लोग ने कई साल के बाद दूरदर्शन चैनल पर आई रामायण, महाभारत को देखा। सुबह 9 बजे, रात को 9 बजे रामायण तो दोपहर 12 बजे महाभारत का प्रसारण हो रहा है। बुजुर्गो ने युवाओं को रामायण से संयम की प्रेरणा लेनी चाहिए। भगवान राम 14 साल तक वनों में रह सकते है तो क्या कोरोना जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए 21 दिनों तक हम घरों में नहीं रह सकते है। कृष्णा, बिमला, जगदीश, आत्म प्रकाश ने बताया कि पहले जब रामायण आती थी तो घरों में टीवी कम होते थे। एक टीवी के पास आस-पास के कई परिवार आकर रामयाण को देखते थे। अब दोबारा से फिर दूरदर्शन चैनल पर रामयाण शुरू हुई है। कई सालों के बाद परिवार के साथ रामायण देखी है। पहले टीवी कम होने से कई परिवार एक साथ देखते थे अब सबके घर टीवी होने के चलते लोग अपने-अपने घरों में रामायण देख रहे है। रामायण से हमें कई तरह की प्रेरणा मिलती है।
मंडी में नहीं होती कई-कई घंटे बारिश के पानी की निकासी
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बिजली गुल होने पर जनरेटर नहीं चलाने से नहीं चल पाती मोटर
उचाना : बारिश के बाद पुरानी मंडी में पानी निकासी न होने की समस्या आज भी ज्यों की त्यों है। शुक्रवार शाम को बारिश के बाद पानी की निकासी कई घंटे तक नहीं हुई। पानी निकासी को लेकर ड्रेन बनाई गई है। बिजली गुल होने पर पानी निकासी मोटर न चलने पर होती थी। मार्केटिग बोर्ड विभाग द्वारा यहां पर जनरेटर बिजली गुल होने के बाद मोटर चलाने के लिए भेजा गया है। इस जनरेटर के न चलने के चलते अब भी बिजली गुल होने के बाद पानी की निकासी नहीं हो पाती है। बेशक लॉकडाउन में लोग घर से बाहर नहीं आ रहे हो लेकिन बारिश के पानी की निकासी नहीं होने की समस्या यहां सबसे बड़ी है जो कई सालों से है।
सुरेश, राजेंद्र, विक्रम, संदीप ने कहा कि बारिश होने पर हर बार पानी की निकासी कई-कई घंटे नहीं हो पाती है। पहले जनरेटर न होने से मार्केट कमेटी प्रशासन पानी निकासी बारिश के साथ-साथ न होने की बात कहता था। अब मार्केटिग बोर्ड विभाग द्वारा जनरेटर भी यहां पर मोटर बिजली जाने के बाद चलाने के लिए भेजा गया है। बिजली गुल होने के बाद प्रशासन को चाहिए कि वो जनरेटर चला कर पानी की निकासी बारिश के साथ-साथ करवाए ताकि जनरेटर का फायदा हो।
पंप चलने में लगा कुछ समय
पानी निकासी के लिए पंप को शुरू करने में कुछ समय लग गया। जिसकी वजह से पानी की निकासी में कुछ देरी हुई। जनरेटर चला कर कुछ समय बाद मंडी से पानी की निकासी करवा दी गई।
-सतबीर सिंह, सचिव, मार्केट कमेटी उचाना।
28उचाना10: बारिश के बाद मंडी में मार्केट कमेटी कार्यालय के पास भरा पानी।
जब-जब बनता है बृहस्पति-केतु का योग तो फैलता है संक्रामक रोग
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अब से पहले 1918, 1991, 2005 में बना था ऐसा योग
उचाना : आचार्य सत्यनारायण शांडिल्य ने बताया कि 1918 में स्पैनिश फ्लू नाम से एक महामारी फैली थी, जिसकी शुरूआत स्पेन से हुई थी। उस समय भी बृहस्पति-केतु योग था। सन 1991 में आस्ट्रेलिया में माइकल एंगल नाम का बड़ा कंप्यूटर वायरस सामने आया था। उस समय भी बृहस्पति-केतु का योग बना था। 2005 में एच-5 एन-1 नाम से एक बर्डफ्लू फैला था और उस समय में भी गौचर में बृहस्पति-केतु का योग बना था। ऐसे में जब बृहस्पति-केतु का योग बनता है तो बड़े संक्रामक रोग और महामारी सामने आती हैं। ज्योतिष के नजरिए से देखें तो 29 मार्च से बृहस्पति मकर राशि में प्रवेश होगा, जिससे पिछले 4 महीनों से चल रहा बृहस्पति-केतु का योग खत्म हो जाएगा। ऐसे में 29 मार्च के बाद कोरोना वायरस के प्रकोप से राहत मिलना शुरू हो जाएगा। 2019 नवंबर से शुरू हुए बृहस्पति-केतु के योग और दिसंबर में हुए सूर्य ग्रहण के कारण पिछले 4 महीनों से कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है और वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को भी इसका कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है।
शांडिल्य ने बताया कि नारद संहिता के अनुसार परीधावी नामक सवंत में महारोग व महामारी आती है, जो 6 अप्रैल 2019 से शुरू होकर 29 मार्च 2020 तक रहेगी। इस वर्ष का राजा शनि है, जिसका शास्त्रों में पहले ही वर्णन मिलता है और 2019-20 के सभी पंचांगों में ये स्पष्ट रूप से लिखा भी हुआ था जैसे शनेर्श्वरे भूमितो सकुज्ल्म प्रभूतरोगी परिपीडते जन अर्थात जिस वर्ष का राजा शनि होगा उस साल बेमौसमी बरसात से अकालजन्य स्थिति और पेचीजा रोगों के कारण परेशान व पीड़ित रहे। 13 अप्रैल को सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होगा, जिसके बाद वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस का कोई न कोई एंडीडोट मिलेगा। इस स्थिति में कुल मिलाकर 29 मार्च के बाद एक से डेढ़ महीने के अंदर इस महामारी का प्रभाव भी कम होने की उम्मीद है। देश भर में लॉकडाउन 14 अप्रैल तक है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वो भी घरों में रहे, सुरक्षित रहे। घर में रहकर इस महामारी से बचा जा सकता है। लोगों को चाहिए कि सोशल डिस्टेंसिग यानी आपस में दूरी को अपनाए।
28उचाना6: आचार्य सत्यनारायण शांडिल्य।