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यूट्यूब से डेबिट कार्ड क्लोन करना सीखकर उड़ाते थे पैसे, 9 राज्यों में 55 वारदातों को दिया अंजाम, चार गिरफ्तार

डेबिट कार्ड का डिवाइस से क्लोन तैयार करके बैंक उपभोक्ताओं को चूना लगाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह का मुख्य सरगना भिवानी जिले के गांव कुंगड़ का मौनी है जो फिलहाल फरार चल रहा है। पकड़े गए आरोपित गांव कुंगड़ निवासी सोनू हांसी निवासी अमृत गांव पेटवाड़ निवासी जोनी व नई दिल्ली के मादीपुर निवासी अजय उर्फ टीनू ने खुलासा ने बताया कि यूट्यूब से कार्ड क्लोन करना सीखा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 06:19 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 06:19 AM (IST)
यूट्यूब से डेबिट कार्ड क्लोन करना सीखकर उड़ाते थे पैसे, 9 राज्यों में 55 वारदातों को दिया अंजाम, चार गिरफ्तार
यूट्यूब से डेबिट कार्ड क्लोन करना सीखकर उड़ाते थे पैसे, 9 राज्यों में 55 वारदातों को दिया अंजाम, चार गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, जींद। डेबिट कार्ड का डिवाइस से क्लोन तैयार करके बैंक उपभोक्ताओं को चूना लगाने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के चार सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह का मुख्य सरगना भिवानी जिले के गांव कुंगड़ का मौनी है, जो फिलहाल फरार चल रहा है। पकड़े गए आरोपित गांव कुंगड़ निवासी सोनू, हांसी निवासी अमृत, गांव पेटवाड़ निवासी जोनी व नई दिल्ली के मादीपुर निवासी अजय उर्फ टीनू ने खुलासा ने बताया कि यूट्यूब से कार्ड क्लोन करना सीखा। अब तक नौ राज्यों में 55 वारदातों में करीब एक करोड़ का चूना लगा चुके हैं। इसमें 17 हरियाणा, 11 राजस्थान, सात यूपी, दो महाराष्ट्र, छह उत्तराखंड, तीन गुजरात, पांच दिल्ली, एक पश्चिम बंगाल व तीन मध्यप्रदेश वारदातों को अंजाम दिया है। हरियाणा में जींद, पानीपत, गोहाना, हांसी व सफीदों में क्लोन तैयार करके खातों से पैसे निकाले हैं। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से 60 ह•ार रुपये नकद, एक क्लोन डिवाइस मशीन को बरामद किया है। पुलिस आरोपितों को अदालत में पेश करके एक दिन के रिमांड पर लिया है।

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पर्स गिरा तो गिरोह का हुआ खुलासा

शहर थाना प्रभारी देवी लाल ने बताया कि एक अगस्त को गांव बागडूकला निवासी कृष्ण जब एटीएम से अपने पैसे निकालने के लिए गया था। इसी दौरान कृष्ण की नजर वहां पर खड़े आरोपित अजय की पड़ी और उसकी गतिविधियों पर शक हो गया। जहां पर आरोपित अजय क्लोन करके तैयार किए गए डेबिट कार्ड से पैसे निकालने का प्रयास कर रहा था। शक होने पर कृष्ण ने युवक को टोक दिया और आरोपित वहां से भागने लगा। भागते समय उसका पर्स गिर गया। कृष्ण ने आरोपित का पर्स पुलिस को सौंपकर शहर थाना में शिकायत दर्ज करवाई। जांच के दौरान पुलिस ने आरोपित अजय व सोनू को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया। अजय व सोनू से पूछताछ में गिरोह के सदस्य के नाम सामने आए। जिनमें से अमृत को हांसी से गिरफ्तार किया। जिसके पास से एक क्लोन मशीन बरामद की। वहीं, आरोपित जोनी गिरोहबंदी के आरोप में हिसार जेल में बंद था। उसका नाम सामने आने के बाद पुलिस ने उसे प्रोटेक्शन वारंट पर लेकर आई है।

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ऐसे देते थे अंजाम: पलक झपकते ही बना लेते थे डेबिट कार्ड का क्लोन

एएसपी अजित शेखावत ने बताया कि शातिरों ने कबूला है कि वह उन एटीएम बूथों की तलाश करते हैं, जहां गार्ड नहीं होते और पैसा निकालने वालों की लाइन लगी रहती है। फिर ग्रामीण परिवेश के सीधे सादे लोगों को पैसा निकालने में मदद करने के बहाने डेबिट कार्ड लेकर उसे हाथ में छिपाए मिनी डिवाइस से स्कैन कर लेते हैं। इसी दौरान चुपके से कार्ड धारक का पिन कोड देख लेते हैं। फिर डिवाइस को लैपटॉप से कनेक्ट कर साफ्टवेयर से क्लोन एटीएम कार्ड तैयार कर पिन कार्ड डालकर पैसा निकाल लेते थे।

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चाइनीज डिवाइस का करते थे प्रयोग

पुलिस पूछताछ में आरोपित अजय ने खुलासा किया कि गिरोह का मुख्य सरगना उसके गांव कुंगड़ निवासी मौनी है। पहले उनका गिरोह डेबिट कार्ड बदलकर वारदातों को अंजाम देते थे, लेकिन उसमें पकड़े जाने का डर था। इसी दौरान यूट्यूब से कार्ड क्लोन करने का फार्मूला सीख लिया। अढ़ाई साल पहले गिरोह के मुख्य सरगना मौनी ने ऑनलाइन वेबसाइट से डिबेट कार्ड की क्लोन तैयार करने वाली चाइनीज डिवाइस मंगवाई थी। इसके बाद जब भी वह कहीं पर जाते तो वहां पर मौका पाकर कार्ड का क्लोन तैयार कर लेते और खाते से पैसे निकाल लेते।

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तीन हजार रुपये दिहाड़ी देते थे जोनी को

आरोपितों ने खुलासा किया कि उनका करीब छह सदस्यों का गिरोह था। किसी भी कार्ड से निकलने वाले राशि में सभी की बराबरी की हिस्सेदारी होती थी। जबकि आरोपित गांव पेटवाड़ निवासी जोनी को आरोपित दिहाड़ी पर रखे हुए थे। जिस एटीएम में आरोपितों ने वारदातों को अंजाम देना होता था उसके गेट के आगे जोनी खड़ा हो जाता और किसी को अंदर नहीं जाने देता। क्लोन तैयार करने वाली डिवाइस से पहले जोनी सहायता के नाम पर कार्ड बदलने में एक्सपर्ट था। जब भी वह कोई कार्ड बदलकर लाता तो उसे तीन हजार रुपये दे देते थे।

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नौवीं फेल जोनी व साथियों ने 108 डेबिट कार्ड बदले थे

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपित अजय कई राज्यों में धोखाधड़ी के आरोप में पकड़ा गया है। आरोपित अजय पर इससे पहले 34 के करीब मामले दर्ज हैं लेकिन वहां से जमानत पर चल रहा है। इसके बाद जब भी आरोपित अजय जब भी पेशी पर जाता तो रास्ते में क्लोन तैयार करके वारदात को अंजाम दे देता। जबकि नौवीं फेल आरोपित जोनी को अगस्त 2017 में भिवानी पुलिस डेबिट कार्ड बदलकर लोगों को चूना लगाने के आरोप में पकड़ा था। उस समय जोनी के साथ पकड़े गए आरोपितों ने 108 डेबिट कार्ड बदलने की वारदातों को स्वीकार किया था।


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