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ट्रैक्टर यात्रा में सड़कों पर किसानपथ

हजारों किसानों ने शनिवार को ट्रैक्टर यात्रा निकालकर 26 जनवरी की रिहर्सल की। सुबह हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों के साथ खटकड़ टोल पर इकट्ठे हुए।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 09:55 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 09:55 AM (IST)
ट्रैक्टर यात्रा में सड़कों पर किसानपथ
ट्रैक्टर यात्रा में सड़कों पर किसानपथ

जागरण संवाददाता, जींद/उचाना: जिलेभर के हजारों किसानों ने शनिवार को ट्रैक्टर यात्रा निकालकर 26 जनवरी की रिहर्सल की। सुबह हजारों की संख्या में किसान ट्रैक्टरों के साथ खटकड़ टोल पर इकट्ठे हुए। तीन कृषि कानूनों के विरोध में यहां 15 दिन से किसानों का धरना चल रहा है। किसान मसीहा सर छोटूराम की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करने के बाद किसानों ने ट्रैक्टर यात्रा की शुरुआत की। किसानों का लंबा काफिला देखकर सड़क मानो किसानपथ बन गई थी। यह यात्रा खटकड़ टोल से शुरू होकर जींद शहर का चक्कर लगाकर वापस अपने गांवों में लौट गई। ट्रैक्टर यात्रा के दौरान किसानों ने पूरा अनुशासन बनाए रखा। एक लाइन में ट्रैक्टर चलाए और दूसरी लाइन अन्य वाहनों के लिए खाली रखी।

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ट्रैक्टर यात्रा में कई गांवों से महिला किसान भी यहां पहुंची। सभी ट्रैक्टरों पर भारतीय किसान यूनियन के झंडे के अलावा तिरंगा झंडा भी लगा हुआ था। किसान सर छोटूराम के अलावा शहीदों की फोटो भी ट्रैक्टरों के आगे लगाए हुए थे। किसानों को लेकर बनाए गए हरियाणवी गाने युवा किसान ट्रैक्टरों में बजा रहे थे। किसान एकता जिदाबाद, पंजाब-हरियाणा भाईचारा जिदाबाद के नारे भी किसान लगा रहे थे। किसान नेता आजाद पालवां, फूल सिंह श्योकंद ने कहा कि 26 जनवरी को राजपथ पर सैनिकों के टैंकों के साथ किसानों के ट्रैक्टर परेड करेंगे। 22 जनवरी से ही किसान दिल्ली पहुंचने शुरू हो जाएंगे। शनिवार को रिहर्सल बहुत बढि़या रही।

एक साइड रहा किसानों का रोड

खटकड़ टोल पर हजारों किसान ट्रैक्टर लेकर पहुंचे। यहां पर 11 बजे ट्रैक्टर यात्रा शुरू करनी थी। लेकिन ग्राम सचिव का पेपर होने के चलते शहर में जाम में कोई परीक्षा देने वाला न फंसे, इसके लिए 1 बजे यहां से ट्रैक्टर यात्रा शुरू की गई। खटकड़ टोल से लेकर झांझ गांव से आगे तक ट्रैक्टरों का काफिला था। किसान नेताओं ने 1500 से 2000 के करीब ट्रैक्टर इस यात्रा में शामिल होने का दावा किया। एक ट्रैक्टर पर कम से कम चार किसान थे। ऐसे में हजारों किसान भी इस ट्रैक्टर यात्रा में शामिल हुए। हाइवे पर एक साइड सिर्फ किसानों के ट्रैक्टर ही नजर आ रहे थे। झांझ गांव से आगे शुगर मिल के सामने चल रहा संयुक्त किसान मोर्चा के भंडारे के पास भी काफी संख्या में ट्रैक्टर लिए किसान खड़े थे, जो इस यात्रा में शामिल हुए।

सरकार का घमंड तोड़ेंगे किसान

किसान नेता आजाद पालवां, सतबीर पहलवान ने कहा कि जो आज मोदी सरकार घमंड में है उस घमंड को किसान तोड़ने का काम करेंगे। भाजपा ने हमेशा जात-पात, धर्म की राजनीति की है लेकिन इस बार किसान उनके सामने है। किसानों को बांटने की काफी कोशिश सरकार ने की लेकिन किसान निरंतर एकजुट हो रहा है। अब एक नई साजिश भाईचारा को खराब करने के लिए ये करेंगे। आपस में किसानों, लोगों को लड़वाने की साजिश की जाएगी। इस साजिश को भी हमें कामयाब नहीं होना है। किसानों के साथ मिलकर इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाए रखना है। आज किसान यह लड़ाई खुद के लिए नहीं बल्कि देश आमजन के लिए लड़ रहा है। किसान अब न तो डरेगा न ही झुकेगा। किसानों को बेशक अपनी जान की कुर्बानी देनी पड़े। ये तीनों कानूनों को रद्द करवाने के बाद ही किसान अब घर लौटेंगे। हर घर से एक व्यक्ति 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर दिल्ली जाए इसको लेकर गांव-गांव जाकर किसानों की टीम प्रचार करेंगी। गांव से अधिक से अधिक ट्रैक्टर इस दिन दिल्ली जाए। इस दिन किसान का ट्रैक्टर घर, खेत में नहीं होना चाहिए बल्कि दिल्ली की सड़क पर होना चाहिए।

सफीदों के गांव में भाजपा-जजपा का बहिष्कार, लगाए पोस्टर

फोटो: 25

संवाद सूत्र सफीदों: तीन कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के धरने का नतीजा न निकलने पर गांवों में सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं के बहिष्कार होना शुरू हो गया है। उचाना के बाद सफीदों हलके के गांवों में बहिष्कार के बैनर भी लगने शुरू हो गए हैं। कई सिख बाहुल्य गांवों में किसान एकता जिदाबाद के स्लोगन के साथ पोस्टर चस्पा किए गए हैं, जिनमें हरियाणा के सत्ताधारी भाजपा-जजपा गठबंधन के नेताओं के पूर्ण बहिष्कार की बात कही गई है। गांव डेरा मलिकपुर में लगे पोस्टर लिखा गया है कि जो किसान के साथ खड़ेगा, वही गांव में बड़ेगा। भाजपा व जजपा का गांव में पूर्ण बहिष्कार रहेगा। सफीदों हलके के सिख बाहुल्य गांवों के काफी संख्या में किसान दिल्ली आंदोलन में मोर्चा संभाले हुए हैं। हर रोज इन गांवों से बड़ी मात्रा में राशन की खेप आंदोलन में पहुंचाई जा रही है। कई गांवों के गुरुद्वारा परिसरों से लंगर पकाकर आंदोलन में भेजा जा रहा है।

फोटो कैप्शन

9उचाना1: खटकड़ टोल से ट्रैक्टर लेकर यात्रा में शामिल किसान।

9उचाना2: खटकड़ टोल पर सर छोटूराम को श्रद्धाजंलि देते हुए किसान।

9उचाना3: ट्रैक्टर यात्रा में पहुंची महिलाएं।

9उचाना4: उचाना कलां के किसान ट्रैक्टर यात्रा में शामिल होने के लिए ट्रैक्टरों के काफिले के साथ जाते हुए।


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