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सेमीफाइनल में पहुंची खटकड़ गांव की कबड्डी की टीम को किया बाहर

खेल महाकुंभ के दूसरे दिन अर्जुन स्टेडियम में हुई प्रतियोगिता के दौरान सेमीफाइनल में पहुंची खटकड़ गांव की टीम को बाहर कर दिए जाने पर खिलाड़ियों और कोच ने एतराज जताया। खेल कमेटी का कहना था कि खटकड़ गांव की टीम में बरसोला गांव की लड़की खेल रही थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 09:32 AM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 09:32 AM (IST)
सेमीफाइनल में पहुंची खटकड़ गांव की कबड्डी की टीम को किया बाहर
सेमीफाइनल में पहुंची खटकड़ गांव की कबड्डी की टीम को किया बाहर

जागरण संवाददाता, जींद : खेल महाकुंभ के दूसरे दिन अर्जुन स्टेडियम में हुई प्रतियोगिता के दौरान सेमीफाइनल में पहुंची खटकड़ गांव की टीम को बाहर कर दिए जाने पर खिलाड़ियों और कोच ने एतराज जताया। खेल कमेटी का कहना था कि खटकड़ गांव की टीम में बरसोला गांव की लड़की खेल रही थी, इसलिए खटकड़ गांव की टीम को बाहर किया गया, जबकि खटकड़ की टीम के कोच ने कहा कि खटकड़ और बरसोला गांव साथ-साथ हैं। दोनों के स्कूल एक हैं और खिलाड़ी प्रेक्टिस भी एक जगह ही करते हैं और जिस खिलाड़ी को बाहर की बताया जा रहा है, वह शुरू से ही खटकड़ गांव की टीम में खेल रही है। वीरवार और शुक्रवार को हुए कबड्डी के सभी मुकाबलों में खटकड़ की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी मैच जीते और बराह खुर्द की टीम को एकतरफा मुकाबले में हराते हुए सेमीफाइनल में पहुंच गई। सेमीफाइनल में उनका मुकाबला हिदू कन्या कॉलेज की टीम से होना था। लेकिन मुकाबले से पहले ही उनकी टीम को बाहर कर दिया गया। कोच धर्मराज ने जब इसका कारण पूछा तो खेल कमेटी ने कहा कि खटकड़ गांव की टीम में साथ लगते बरसोला गांव की एक खिलाड़ी रितू खेल रही है, जिसके कारण टीम को बाहर किया जा रहा है। इस पर कोच धर्मराज ने बताया कि खटकड़ और बरसोला गांव का एक ही सरकारी स्कूल है। खिलाड़ी रितू खटकड़ गांव में ही पढ़ी है और खटकड़ गांव में ही प्रेक्टिस करती है। जहां भी खेल होते हैं, वह खटकड़ की तरफ से ही खेलती है। एक ही कोच ने सभी खिलाड़ियों को ट्रेनिग दी है। उनकी टीम के साथ अन्याय हुआ है। अगर रितू के खेलने से एतराज है तो वह उस खिलाड़ी को बाहर बैठा देंगे लेकिन कमेटी ने उनकी एक नहीं सुनी और टीम को बाहर कर दिया। कोच ने यह भी कहा कि हिदू कन्या कालेज में कई गांवों की लड़कियां खेल रही हैं। एकलव्य स्टेडियम की टीम में भी कई गांवों की खिलाड़ी हैं, उन पर यह आब्जेक्शन क्यों नहीं लगाया गया। सेमीफाइनल में पहुंचने के बाद उनकी टीम को बाहर किया गया, पहले मैच में भी तो यह आब्जेक्शन लगा सकते थे, अब क्यों लगाया। इसके पीछे कमेटी की गलत मंशा है।

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एक पंचायत की टीम में नहीं खेल सकती दूसरे गांव की खिलाड़ी

कबड्डी मैच के संयोजक कुलदीप ने कहा कि सेमीफाइनल में खटकड़ की टीम के साथ भिड़ने वाली प्रतिद्वंद्वी टीम ने लिखित में शिकायत दी थी कि खटकड़ गांव की टीम में बाहर की खिलाड़ी है, जिस पर उनकी टीम के दस्तावेज चेक किए गए। खटकड़ गांव की टीम ने पंचायत की तरफ से इंट्री भरी थी। एक पंचायत की टीम में दूसरे गांव की टीम नहीं खेल सकती। इसलिए टीम को बाहर किया गया। अब बड़ा सवाल यह है कि अगर खिलाड़ी बाहर की है तो रजिस्ट्रेशन के टाइम इसे चेक क्यों नहीं किया गया।


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