Jind News: 132 अवैध कालोनियां, छह माह में केवल दो को ही वैध कराने के लिए आए आवेदन
हरियाणा के जींद में 132 अवैध कालोनियां हैं। इनमें से केवल छह माह में दो ही वैध कालोनियां कराने के आवेदन आए हैं। सेक्टरों के पास सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां विकसित हुई हैं। यहां अवैध रूप से जमीन पर कालोनियां काट दी गई थी।
जागरण संवाददाता, जींद : अवैध कालोनियों को वैध कराने के लिए लोगों ने रुचि नहीं दिखाई। कालोनी वैध कराने के लिए छह माह में जिला नगर योजनाकार कार्यालय में दो ही आवेदन आए। वहीं, जींद नगर परिषद कार्यालय में एक आवेदन आया है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 18 जनवरी थी। बता दें कि पिछले साल जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा ड्रोन से कराए गए सर्वे में जिले में 132 अवैध कालोनियां मिली थी। जिनकी रिपोर्ट प्रशासन की तरफ से सरकार को भेजी गई थी। उसके बाद सरकार द्वारा गाइडलाइन जारी कर कालोनियों को वैध करने के लिए कालोनाइजरों व प्रापर्टी मालिकों से आवेदन मांगे गए थे।
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नगर परिषद व नगरपालिका की सीमा के अंदर आने वाली अवैध कालोनियों को वैध कराने के लिए आवेदन नगर परिषद व नगरपालिका में करना था। वहीं उससे बाहर वाली अवैध कालोनियों को वैध कराने के लिए जिला नगर योजनाकार कार्यालय में आवेदन करना था। जो कालोनियां एक जुलाई 2022 से पहले बन चुकी हैं, उनके ही आवेदन स्वीकार किए जाने थे।
कालोनाइजरों को कालोनी में बेचे गए प्लाट की रजिस्ट्री, प्लाट मालिकों की सूची, जिस गांव व कस्बे में कालोनी है, उसकी गूगल सेटेलाइट मार्क, कालोनी का लेआउट प्लान, कालोनी की चहारदीवारी, प्लाट, सामुदायिक साइट, पार्क, स्कूल, मेडिकल स्टोर, मंदिर, पाइप लाइन, सीवरेज लाइन, गैस पाइप लाइन, सरकारी भूमि का पूर्ण विवरण के साथ आवेदन करना था। विकास शुल्क, नियमितीकरण चार्ज जमा करवाने का शपथ पत्र भी देना था। खाली जगह का 10 प्रतिशत कलेक्टर रेट और खाली जगह का पांच प्रतिशत कलेक्टर रेट भी जमा करवाना था।
सेक्टरों के पास विकसित हुईं अवैध कालोनियां
नगर परिषद व नगरपालिका सीमा के अंदर व बाहर वैध कालोनियों के आसपास जिनकी जमीन थी। उन्होंने अवैध रूप से उस जमीन पर कालोनियां काट दी। जींद में सेक्टरों के आसपास, गोहाना रोड पर पांडू पिंडारा गांव की तरफ सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां विकसित हुई। जहां लोगों ने मकान व दुकानें बना ली। वहीं बहुत से प्लाट खाली पड़े हुए हैं। जिला नगर योजनाकार विभाग द्वारा समय-समय पर अवैध कालोनियों में किए गए निर्माणों को गिराया भी जाता है।
फुल पेमेंट एग्रीमेंट पर हैं हजारों प्रापर्टी
कालोनाइजर अवैध रूप से कालोनियां काट लोगों को प्लाट बेचकर मोटी कमाई कर गए। जिन लोगों ने प्रापर्टी खरीदी थी, उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। जींद शहर में हजारों ऐसी प्रापर्टी हैं, जिनके आठ से 10 साल से फुल पेमेंट एग्रीमेंट बने हुए हैं। जब तक ये प्रापर्टी वैध नहीं होंगी, तब तक इनकी प्रापर्टी आइडी नहीं बनेगी और बगैर प्रापर्टी आइडी रजिस्ट्री नहीं होगी।
मुख्यालय के निर्देशानुसार करेंगे कार्रवाई
जिला नगर योजनाकार अरविंद्र ढुल ने बताया कि अवैध कालोनियों को वैध कराने के लिए 18 जनवरी तक आवेदन करना था। इस समयावधि में कार्यालय में केवल दो ही आवेदन आए हैं, जिनमें एक जींद का और जुलाना का है।
आवेदन की करा रहे हैं जांच
नगर परिषद कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि सफीदों रोड पर कालोनी वैध कराने के लिए एक आवेदन आया है। नगर अभियंता को जांच करने के लिए ये फाइल दी गई है। जो आवेदन आया है, वो प्रापर्टी वैध करने के लिए मानकों को पूरा करती है या नहीं।
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