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हैवी लाइसेंस के लिए अब आवेदन करेंगे तो 10 महीने बाद मिलेगा प्रशिक्षण

अगर आप हैवी लाइसेंस लिए अब अप्लाई करेंगे तो आपका 10 महीने के बाद ट्रेनिग के लिए नंबर आएगा। जींद के एकमात्र रोडवेज ट्रेनिग स्कूल में इस समय 2100 की वेटिग चल ही है

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 09:52 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:20 AM (IST)
हैवी लाइसेंस के लिए अब आवेदन करेंगे तो 10 महीने बाद मिलेगा प्रशिक्षण
हैवी लाइसेंस के लिए अब आवेदन करेंगे तो 10 महीने बाद मिलेगा प्रशिक्षण

प्रदीप घोघड़ियां, जींद : अगर आप हैवी लाइसेंस लिए अब अप्लाई करेंगे तो आपका 10 महीने के बाद ट्रेनिग के लिए नंबर आएगा। जींद के एकमात्र रोडवेज ट्रेनिग स्कूल में इस समय 2100 की वेटिग चल ही है। यानि कि 2100 प्रशिक्षणार्थियों की ट्रेनिग के बाद आपकी ट्रेनिग का नंबर आ पाएगा। हालांकि वेटिग लिस्ट तो रहती है लेकिन नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद यह थोड़ी और ज्यादा लंबी हो गई है।

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बस, ट्रक या दूसरे बड़े वाहन चलाने के लिए हैवी लाइसेंस की जरूरत होती है। हैवी लाइसेंस से पहले लाइट लाइसेंस का होना जरूरी है। हैवी लाइसेंस के लिए कई दस्तावेज तैयार देने पड़ते हैं। इसमें मेडिकल से लेकर पुलिस सत्यापन करवाना पड़ता है। आनलाइन अप्लाई करने के बाद इसका प्रिट आउट (हार्ड कॉपी) रोडवेज प्रशिक्षण केंद्र में जमा करवानी पड़ती है। जनरल कैटेगरी के प्रशिक्षणार्थियों को 3540 रुपये फीस के रूप में जमा करवाने होते हैं तो अनुसूचित जाति के प्रशिक्षणार्थियों को 1779 रुपये फीस देनी पड़ती है।

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35 दिन की होती है ट्रेनिग

रोडवेज के ट्रेनिग स्कूल में प्रशिक्षार्थियों की 35 दिन की ट्रेनिग होती है। एक बैच में 140 प्रशिक्षणार्थियों को बस चलाने की ट्रेनिग दी जाती है। बायोमेट्रिक सिस्टम से हाजिरी लगती है, जिससे गड़बड़ी की संभावना नहीं रहती। अगर कोई प्रशिक्षणार्थी एक दिन भी गैर-हाजिर रहता है तो उस पर 1700 रुपये जुर्माना लगाया जाता है। लगातार 5 दिनों तक गैर-हाजिर रहने पर प्रशिक्षार्थी का नाम काट दिया जाता है। 35 दिनों की ट्रेनिग के बाद एक फाइनल टेस्ट होता है। उसमें पास होने के कुछ दिनों बाद सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। जींद रोडवेज के ट्रेनिग स्कूल में साल 2014 से अब तक 10 हजार से ज्यादा लोग हैवी लाइसेंस की ट्रेनिग ले चुके हैं। शुरुआत में 4 से 5 महीने की वेटिग थी, जो अब बढ़कर 10 महीने तक जा पहुंची है।

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एक ही ट्रेनिग स्कूल होने के चलते रहती है लंबी वेटिग

जींद जिले में एक ही ट्रेनिग स्कूल है, जिसके कारण यहां वेटिग लिस्ट रहती है। दूसरे जिलों में प्राइवेट ट्रेनिग स्कूल भी हैं, जिसके चलते युवा प्राइवेट ट्रेनिग स्कूलों में ट्रेनिग कर लेते हैं। इसके अलावा आसपास कैथल, रोहतक और भिवानी में ही ट्रेनिग स्कूल हैं, जिसके कारण दूर-दूर के लोग भी जींद रोडवेज ट्रेनिग स्कूल में ट्रेनिग के लिए आते हैं।

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गर्मी में सुबह और शाम की शिफ्ट में दो बैच की ट्रेनिग करवाई जाती है लेकिन सर्दियों में एक ही बैच की ट्रेनिग होती है। सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक एक ही बैच को हैवी लाइसेंस के लिए ट्रेनिग दी जाती है। दिसंबर में नया बैच शुरू होगा। ऑनलाइन आवेदन करते ही पता चल जाता है कि कितने महीने की वेटिग है।

-अमित लोहान, इंचार्ज, ड्राइविग स्कूल, जींद।


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