सीवर लाइन और ड्रेन शिफ्ट न होने से आरयूबी का निर्माण लटका
जागरण संवाददाता, जींद : मिनी बाईपास पर जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर चार माह देरी से शुरू हुअ
जागरण संवाददाता, जींद : मिनी बाईपास पर जींद-पानीपत रेलवे लाइन पर चार माह देरी से शुरू हुआ अंडरपास का निर्माण कार्य पब्लिक हेल्थ के ड्रेन और सीवर लाइन शिफ्ट न करने से लटक गया है। बीएंडआर ने मार्च में सीवर लाइन शिफ्ट करने के लिए 97.20 लाख रुपये पब्लिक हेल्थ को दिए थे, लेकिन छह माह से ज्यादा समय बीतने के बावजूद सीवर लाइन को शिफ्ट नहीं किया गया।
बाईपास के मध्य से बरसाती पानी की ड्रेन और सड़क की दाई ओर से गंदे पानी की सीवर लाइन बिछाई हुई है, जो आरयूबी बनाने में बाधा है, इसलिए सीवर लाइन को शिफ्ट करने के लिए पब्लिक हेल्थ को बीएंडआर ने 97.20 लाख रुपये दिए थे। करीब छह माह पहले आरयूबी के निर्माण के लिए टेंडर हुए, जिसमें अंडरपास के बस स्टैंड की तरफ 114 मीटर और रोहतक रोड की तरफ 116 मीटर पुल के हिस्से का निर्माण बीएंडआर पौने चार करोड़ रुपये से तथा रेलवे के हिस्से में पुल का निर्माण रेलवे सवा 11 करोड़ से करेगा। आरयूबी प्रोजेक्ट इंजीनियर का आरोप है कि सीवर लाइन शिफ्ट न होने से चार माह देरी से निर्माण कार्य शुरू हुआ। करीब दो सप्ताह पहले विभाग ने आश्वासन देकर काम शुरू कराया कि जल्द ही लाइन को शिफ्ट कर दिया जाएगा। काम शुरू करने के बावजूद पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों को कोई सुध नहीं है और उन्होंने सीवर लाइन को शिफ्ट करने के लिए बार-बार अधिकारियों के यहां चक्कर लगाए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं की गई। अंतत: खोदाई के दौरान सीवर लाइन टूट गई, जिससे पानी भरने की वजह से काम रोकना पड़ा।
हुड्डा सरकार में हुई थी घोषणा
तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र ¨सह हुड्डा ने 2012 में विकास रैली के दौरान बस स्टैंड से रोहतक रोड तक मिनी बाईपास का निर्माण किया गया था। बीच में जींद-पानीपत रेलवे लाइन पड़ती है, जिस पर अंडरपास बनाने की घोषणा हुड्डा सरकार में हुई थी, लेकिन यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई। बीजेपी सरकार आने के बाद इस परियोजना पर दोबारा काम शुरू हुआ और काफी लंबे इंतजार के बाद इस साल अप्रैल में अंडरपास के लिए टेंडर हुआ। फिलहाल बस स्टैंड से रोहतक रोड और भिवानी रोड जाने वाले वाहनों को शहर के अंदर से होकर गुजरना पड़ता है। अंडरपास के बनने के बाद शहर के अंदर वाहनों की आवाजाही कम होगी, जिससे जाम की स्थिति से काफी हद तक मुक्ति मिलने की संभावना है।
'रेलवे से लेनी पड़ेगी अनुमति'
इस मामले में पब्लिक हेल्थ एक्सईएन हरभजन ¨सह ने कहा कि सीवर लाइन को शिफ्ट करने के लिए रेलवे से अनुमति लेनी पड़ेगी। रेलवे की जमीन पर वे काम नहीं कर सकते हैं। इस मामले में बीएंडआर एक्सईएन से बातचीत हो चुकी है। रेलवे अधिकारियों से अनुमति लेकर दोनों लाइनों को शिफ्ट किया जाएगा।
रोकना पड़ा काम : मित्तल
आरयूबी के प्रोजेक्ट इंजीनियर जगदीशचंद्र मित्तल ने कहा कि पब्लिक हेल्थ द्वारा सीवर लाइन शिफ्ट नहीं करने की वजह से उन्हें काम रोकना पड़ा है। मार्च में बीएंडआर लाइन शिफ्ट करने के लिए राशि जारी कर चुका है, लेकिन उन्होंने काम नहीं किया। इससे पहले ही चार महीने देरी से काम शुरू हुआ था।
पीडब्ल्यूडी ने ड्रेन और सीवर लाइन को शिफ्ट करने के लिए जो एस्टीमेट बनाया था, उसके अनुसार हमने पैसे जमा करा दिए थे। पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन से बृहस्पतिवार को इस मामले में बात की, तो उन्होंने जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करने लाइन को शिफ्ट करने का आश्वासन दिया है। साथ ही जो लाइन टूटी है, उसकी जेई को भेज कर मरम्मत करने की बात कही है।
नवनीत नैन, एक्सईएन बीएंडआर।