जींद उपचुनाव: बांगर की चौधर और कांग्रेस की मजबूती से जुड़ी सुरजेवाला की एंट्री
रणदीप सिंह सुरजेवाला की जींद में एंट्री से न केवल पार्टी में नए समीकरण बन रहे हैं, बल्कि दूसरे दलों के उम्मीदवारों को भी सुरजेवाला कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला की जींद में एंट्री से न केवल पार्टी में नए समीकरण बन रहे हैं, बल्कि दूसरे दलों के उम्मीदवारों को भी सुरजेवाला कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस में लंबे समय बाद ऐसा मौका आया है, जब पार्टी के तमाम दिग्गज एक झंडे के नीचे दिखाई दे रहे हैैं। सुरजेवाला की गिनती कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के विश्वासपात्रों में होती है। उनके साथ दगाकर कोई नेता सीधे राहुल गांधी के निशाने पर आने का रिस्क नहीं ले रहा है।
पार्टी के तमाम दिग्गज जींद के चुनावी समर में जुट गए हैैं। प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने जहां जींद में डेरा डाला हुआ है, वहीं कुलदीप बिश्नोई और किरण चौधरी जी-जान से जुट गए हैैं। सुरजेवाला का नामांकन कराने के बाद हुड्डा दिल्ली चले गए थे। वहां मकर संक्रांति के मौके पर सियासी भोज का आयोजन कर हुड्डा अब अगले दो दिनों तक जींद में ही डेरा डाले रखेंगे।
पिछड़े व अनुसूचित जाति के वोटों को कांग्रेस के हक में लामबंद करने की जिम्मेदारी कु. सैलजा व तंवर को सौंपी गई है। सुरजेवाला का जाटों के साथ-साथ गैर जाटों में भी खासा रसूख है। जींद के लोगों को यह समझाने की कोशिश हो रही है कि सुरजेवाला उपचुनाव जीते तो इलाके की चौधर होगी तथा अगले चुनाव में कांग्रेस का चेहरा होंगे।
चार बार विधायक व अहम मंत्रालय संभाल चुके सुरजेवाला सार्वजनिक मंचों पर जाट और बांगर बेल्ट में चौधर लाने की बात कर रहे हैं। अपने पिता और पूर्व मंत्री शमशेर सिंह सुरजेवाला की तर्ज पर उनका भी जींद में खासा प्रभाव है। वह यहां से चुनाव जीते तो बांगर बेल्ट में चौधर लाने का उनका दावा और पुख्ता हो जाएगा।