युवाओं की रिहाई के लिए जाट महासभा ने सरकार को दिया एक महीने का अल्टीमेटम
साल 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों में जेलों में बंद जाट युवाओं को रिहा करने के लिए अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा ने प्रदेश सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है।
जागरण संवाददाता, जींद : साल 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए मामलों में जेलों में बंद जाट युवाओं को रिहा करने के लिए अखिल भारतीय आदर्श जाट महासभा ने प्रदेश सरकार को एक महीने का अल्टीमेटम दिया है। एक महीने में जाट युवाओं को रिहा नहीं किया गया तो हरियाणा में फिर बड़ा आंदोलन होगा और इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
युवाओं को रिहा करने, जाटों को आरक्षण देने और प्रदेश की जजपा-भाजपा सरकार द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र को जल्द लागू किए जाने की मांगों को लेकर महासभा ने जींद में रविवार को सम्मेलन के बाद प्रदर्शन भी किया। मांगों का ज्ञापन जींद के बीडीपीओ धर्मबीर खर्ब को सौंपा। पटियाला चौक की जाट धर्मशाला में अखिल भारतीय जाट आदर्श महासभा के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए डा. पवनजीत बनवाला ने कहा कि जाटों को केंद्र में ओबीसी में और हरियाणा में भी आरक्षण दिया जाए। गठबंधन सरकार से अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुसार बुढ़ापा पेंशन 5100 रुपये करने, किसानों का कर्ज माफ करने का अपना वायदा पूरा करे और खटकड़ के टोल प्लाजा को हटाया जाए।
डॉ. पवनजीत भनवाला बने महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
रविवार को जींद की जाट धर्मशाला में अखिल भारतीय जाट आदर्श महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का चुनाव भी हुआ। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला डा. पवनजीत बनवाला और रामकिशन के बीच था, जिसमें डा. पवनजीत भनवाला ने 300 मतों के अंतर से रामकिशन को पराजित किया।