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फार्मेसी कौंसिल में अनियमिताओं को लेकर पूर्व चेयरमैन ने स्वास्थ्य मंत्री पर साधा निशाना

हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन केसी गोयल ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पर फार्मेसी कौंसिल में भारी अनियमितताओं को लेकर निशाना साधा है। केसी गोयल ने मंत्री पर अपने पद का दुरूपयोग करने के भी आरोप लगाए है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Aug 2019 08:08 AM (IST)Updated: Wed, 14 Aug 2019 08:08 AM (IST)
फार्मेसी कौंसिल में अनियमिताओं को लेकर पूर्व चेयरमैन ने स्वास्थ्य मंत्री पर साधा निशाना
फार्मेसी कौंसिल में अनियमिताओं को लेकर पूर्व चेयरमैन ने स्वास्थ्य मंत्री पर साधा निशाना

संवाद सूत्र, नरवाना : हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के पूर्व चेयरमैन केसी गोयल ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पर फार्मेसी कौंसिल में भारी अनियमितताओं को लेकर निशाना साधा है। केसी गोयल ने मंत्री पर अपने पद का दुरूपयोग करने के भी आरोप लगाए है।

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मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान केसी गोयल ने सीएम मनोहर लाल से न्याय की गुहार लगाई है और स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग रखी है। केसी गोयल ने बताया कि उन पर अवैध नियुक्ति का विरोध करने पर फार्मेसी एक्ट 1948 व नियमों को दरकिनार करके चौकसी ब्यूरो का दुरूपयोग करके झूठी व बेबुनियाद एफआईआर दर्ज करवाई गई है। हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल एक्सएमई सरकार खुद मुख्त्यार काउंसिल है। इसका गठन व संचालन केंद्रीय कानून फार्मेसी एक्ट 1948 एवं इसके अंतर्गत बनाए गए स्टेट फार्मेसी नियम 1951 के तहत ही किया जाता है। सरकार इसको कोई भी वित्तीय मदद में अनुदान नहीं देती। गोयल ने आरोप लगाया कि हरियाणा राज्य फार्मेसी कौंसिल कार्यालय में धारा 26 की अवहेलना व धारा 46 की अवहेलना के तहत जारी गजट नोटिफिकेशन के अयोग्य व्यक्ति को कौंसिल का रजिस्ट्रार नियुक्त कर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाकर लाखों की लूट करवाई है। हाईकोर्ट ने अवैध रजिस्ट्रार नियुक्ति को रद किया है। प्रधानमंत्री ने भी संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब तलब किया है। गोयल ने बताया कि नियम 141 के तहत बैंक खातों से पैसा केवल प्रधान के साथ रजिस्ट्रार के संयुक्त हस्ताक्षर से ही निकाला जा सकता है। प्रधान व अन्य कोई भी अकेला व्यक्ति पैसा नहीं निकाल सकता। इसके लिए 2 जून 2014 से 22 सितंबर 2014 तक सुरेंद्र यादव, 22 सितंबर 2014 से 30 अक्टूबर 2015 तक सोहनलाल कंसल, 26 नवंबर 2015 से 25 जुलाई 2019 तक अरुण पाराशर रजिस्ट्रार रहे और उन्हीं के साथ बतौर प्रधान मेरे हस्ताक्षर के ही पैसा निकाला गया, लेकिन एफआईआर नंबर 10 दिनांक 15 दिसंबर 2017 जोकि कृष्ण चंद गोयल प्रधान हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के नाम से दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि मुझे अकेले को ही दोषी बनाया गया जबकि एफआईआर में उपरोक्त रजिस्ट्रारों के नाम दर्ज हैं। उन्होंने जांच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब रजिस्ट्रार और प्रधान के हस्ताक्षर से पैसे निकाले हैं, तो अन्य रजिस्ट्रारों को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। उन्होंने सीएम मनोहर लाल से उक्त मामले पर संज्ञान लेने की गुहार लगाई है और मांग की है कि भ्रष्टाचार में लिप्त मंत्री को बर्खास्त किया जाए।

अयोग्य व्यक्ति को बनाया रजिस्ट्रार : गोयल

केसी गोयल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ईमानदारी का ढोंग व अपने मंत्री पद का दुरूपयोग करते हुए कौंसिल कार्यालय को निजी दुकान बना कर अयोग्य व्यक्ति को हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार करते हुए रजिस्ट्रार नियुक्त किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोध करने वाले कौंसिल के निर्वाचित सदस्य एवं निर्वाचित प्रधान को पद से हटाने के लिए चौकसी ब्यूरो का दुरुपयोग किया। हालांकि फार्मेसी एक्ट व नियमों में से किसी की भी अवहेलना नहीं की गयी, फिर भी झूठी व आधार हीन एफआईआर दर्ज कर प्रधान को निलंबित किया गया।

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