फार्मेसी काउंसिल में घपलों की जाच हो
नरवाना राज्य फार्मेसी काउंसिल के पूर्वअध्यक्ष और निर्वाचित सदस्य केसी गोयल ने कहा िक काउंसिल कार्यालय को निजी दुकान बनाकर फार्मासिस्टों को परेशान किया जा रहा है।
संवाद सूत्र, नरवाना: हरियाणा राज्य फार्मेसी काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष और निर्वाचित सदस्य केसी गोयल ने कहा कि काउंसिल कार्यालय को निजी दुकान बनाकर फार्मासिस्टों को परेशान किया जा रहा है। फार्मेसी में सभी डिग्रियां पास करने के बाद भी जब तक राज्य फार्मेसी काउंसिल से रजिस्टर्ड नहीं कराया जाता, तब तक ना कोई नौकरी मिल सकती। न ही कोई लाइसेंस जिसके लिए फार्मासिस्ट की सेवा ही जरूरी है। शुक्रवार को प्रेस को जारी बयान में गोयल ने कहा कि रजिस्ट्रेशन करने का अधिकार केवल काउंसिल के रजिस्ट्रार को ही है। काउंसिल प्रधान या कोई भी सदस्य इसमें दखल नहीं दे सकता। सरकार को नहीं सरकार से अनुमति लेकर ही नियुक्ति की जा सकती है, लेकिन सरकार ने अनुमति देने की बजाय खुद अपने चेहते अरुण परासर को बगैर किसी ग्रेजुएशन के फार्मेसी में बी फार्मा, रू-फार्मा करने वालों को रजिस्टर्ड करने करने के रजिस्ट्रार नियुक्त कर दिया। इसको माननीय पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस नियुक्ति को अवैध मानते हुए 25/7/19 को रजिस्ट्रार और स्टाफ की नियुक्ति को रद कर दिया। एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार धारा 26 के तहत स्थायी रजिस्ट्रार नियुक्त करना अथवा किसी उपयुक्त व्यक्ति को चार्ज नहीं देना चाहती। गोयल ने कहा कि रजिस्ट्रार के बगैर कोई भी दूसरा व्यक्ति रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकता। इसके बावजूद भी 1230 रजिस्ट्रेशन किए और करोड़ों रुपए काउंसिल के खाते से निकाले गए, जिसकी जांच फार्मेसी एक्ट की धारा 45/5 के तहत कराई जाए।