Move to Jagran APP

सरकार ने बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए गिरदावरी में कम दिखाया खराबा : ढुल

जागरण संवाददाता, जींद : जुलाना से इनेलो विधायक परमेंद्र ¨सह ढुल ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। ढुल ने कहा कि खरीफ 2018 फसल सीजन में बीमा कंपनियों ने जिलेभर के किसानों से लगभग 13 करोड़ रुपये का प्रीमियम इकट्ठा किया। इसमें जुलाना हलके का 3.4 करोड़ रुपये प्रीमियम शामिल है। सरकार ने कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए गिरदावरी रिपोर्ट में मात्र 4075 एकड़

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 01:23 AM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 01:23 AM (IST)
सरकार ने बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए गिरदावरी में कम दिखाया खराबा : ढुल
सरकार ने बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए गिरदावरी में कम दिखाया खराबा : ढुल

जागरण संवाददाता, जींद : जुलाना से इनेलो विधायक परमेंद्र ¨सह ढुल ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। ढुल ने कहा कि खरीफ 2018 फसल सीजन में बीमा कंपनियों ने जिलेभर के किसानों से लगभग 13 करोड़ रुपये का प्रीमियम इकट्ठा किया। इसमें जुलाना हलके का 3.4 करोड़ रुपये प्रीमियम शामिल है। सरकार ने कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए गिरदावरी रिपोर्ट में मात्र 4075 एकड़ फसल ही खराब दिखाई है। जबकि इससे ज्यादा एकड़ में तो गेहूं की बिजाई भी नहीं हो पाई है।

loksabha election banner

बुधवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए ढुल ने कहा कि जुलाना क्षेत्र से 23,112 किसानों ने फसल बीमा योजना के अंतर्गत प्रीमियम भरा था, जबकि कम्पनियों द्वारा केवल 3650 किसानों के क्लेम स्वीकार किये गए हैं। खरीफ सीजन में जुलाना क्षेत्र का लगभग 15,000 एकड़ फसल बीमा योजना के अंतर्गत रजिस्टर हुआ था। जलभराव से हुए फसल नुकसान के आंकलन के लिए तैयार की गई गिरदावरी रिपोर्ट के अनुसार कुल खराबा ही 4075 एकड़ दर्शाया गया है। ऐसा करके सरकार किसानों से छलावा कर रही है। इनेलो किसी भी कीमत पर किसानों के साथ यह अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी। ढुल ने कहा कि पिछली बार गिरदावरी में लगभग 18 ह•ार एकड़ का खराबा दर्शाया गया था। इस बार जलभराव के बाद मुख्यमंत्री ने भी इनेलो विधायकों के साथ बैठक में माना था कि पिछले साल से ज्यादा फसल खराब हुई है, जबकि महज 4075 एकड़ का खराबा दर्ज किया गया है। 28 गांवों में दिखाया नाममात्र नुकसान

विधायक ढुल ने कहा कि 28 गांवों में नाममात्र फसल नुकसान दर्शाया गया है। जलभराव के दौरान स्वयं उन्होंने ¨सचाई विभाग के धिकारियों के साथ जलनिकासी का समाधान तलाशने के लिए बार बार दौरे किये थे। निडाना, ढिगाना, ललीतखेड़ा, शामलो कलां, गतौली, करसौला, फतेहगढ़, लिजवाना खुर्द व लिजवाना कलां, मेहरड़ा, पौली, गढ़वाली, खेड़ाबख्ता, भैरोंखेड़ा, पड़ाना, खिमाखेड़ी आदि दर्जनभर गांव ऐसे थे, जहां शत प्रतिशत फसल तबाह हुई थी। फिर भी ऐसे सभी गांवों में औसतन 500 एकड़ फसल खराबा दर्शाया गया है, जबकि औसतन 2500 एकड़ प्रति गांव नुकसान हुआ था। इन गांवों में आज भी 1000 एकड़ से ज्यादा में तो जलभराव है, जहां रबी की बिजाई भी सम्भव नहीं हो पा रही है। इन गांवों में दिखाया शून्य खराबा, हकीकत कुछ और

ढुल ने कहा कि गांव नन्दगढ़, लिजवाना खुर्द, रामकली, सीवाहा, सिन्धविखेड़ा, झमोला, करेला, मेहरड़ा, अकालगढ़, मालवी, शादीपुर जुलाना, किलाजफरगढ़, आसन, चाबरी, देवरड़, शामलो खुर्द, रधाना, बराड़ खेड़ा आदि गांवों में शून्य फसल खराबा दर्ज किया गया है। गांव खरकरामजी, हथवाला, बुआना, निडानी, सिरसाखेड़ी, बुढ़ाखेड़ा लाठर, खिमाखेड़ी, झमोला, करेला, जैजैवन्ती आदि गांवों में महज 100 एकड़ औसतन फसल खराबा दर्ज किया गया है। इन सभी गांवों में फसल खराबा औसतन 1000 एकड़ प्रति गांव था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.