जिला परिषद की मीटिग में पहुंचे बीजेपी के सांसद व विधायक, जेजेपी से नहीं पहुंचा कोई
जिला परिषद की सोमवार को हुई बैठक में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। वहीं जेजेपी बैकफुट पर नजर आई। बजट वितरण को लेकर बीजेपी समर्थक प्रधान प्रवीन घनघस और जेजेपी समर्थक पार्षदों में बजट वितरण को लेकर बहुमत दिखाने की होड़ थी।
जागरण संवाददाता, जींद : जिला परिषद की सोमवार को हुई बैठक में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। वहीं जेजेपी बैकफुट पर नजर आई। बजट वितरण को लेकर बीजेपी समर्थक प्रधान प्रवीन घनघस और जेजेपी समर्थक पार्षदों में बजट वितरण को लेकर बहुमत दिखाने की होड़ थी। जिसके चलते बीजेपी से प्रधान प्रवीन घनघस के समर्थन में बीजेपी के सिरसा से सांसद सुनीता दुग्गल, हिसार से सांसद बृजेंद्र सिंह, जींद के विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा पहुंचे। सफीदों के कांग्रेस से विधायक सुभाष गांगोली भी प्रधान के समर्थन में आए। वहीं जेजेपी का कोई विधायक मीटिग में नहीं पहुंचा। उप प्रधान उमेद सिंह रेढू, जो जेजेपी से हैं उन समेत जेजेपी समर्थक ज्यादातर पार्षद मीटिग से दूर रहे। रविवार शाम तक जेजेपी समर्थक पार्षद नरवाना व जुलाना के विधायकों के मीटिग में आने की बात कह रहे थे। लेकिन रातों-रात समीकरण बदले। समर्थन होने के कारण प्रधान प्रवीन घनघस को पिछले साल आए करीब 5.38 करोड़ रुपये व हाल ही में सरकार की तरफ से दिए जाने वाले बजट को बांटने का अधिकार दिया गया। वहीं जो जिला परिषद के काम रोके हुए हैं, उन्हें दोबारा शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया। पार्षदों ने अधिकारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। कहा कि मीटिग में प्रस्ताव तो पास हो जाते हैं। लेकिन अधिकारियों के लेवल पर अटक जाते हैं। लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
जेजेपी जिला प्रधान के साथ हुआ था विवाद
जेजेपी जिला प्रधान के साथ जिला परिषद प्रधान प्रवीन घनघस के पति बीजेपी नेता नरेंद्र घनघस का उनके गांव में किसी काम को लेकर विवाद हुआ था। पार्षदों ने जिला परिषद प्रधान पर ग्रांट वितरण में बंदरबांट के आरोप लगाए थे। उसके बाद मुख्यालय से जिला परिषद के गांवों में चल रहे कामों पर रोक लगाते हुए जांच के निर्देश दिए गए थे। प्रधान ने कामों पर रोक लगने के पीछे डिप्टी सीएम का हाथ बताया था। जिसके बाद प्रधान व जेजेपी समर्थक पार्षदों में खींचतान शुरू हो गई थी।
इनेलो समर्थित पार्षद को लेकर आए मिढ़ा
रविवार शाम तक प्रधान विरोधी खेमे का पलड़ा भारी नजर आ रहा था। जिसके चलते मीटिग में बीजेपी के सोनीपत, हिसार व सिरसा के सांसदों को भी बुलाने का फैसला लिया गया। हालांकि सांसद रमेश कौशिक तो किन्हीं कारणों से मीटिग में नहीं पहुंच पाए। बीजेपी विधायक मिढ़ा डा. कृष्ण मिढ़ा ने भी पार्षदों से संपर्क किए और वार्ड 16 के इनेलो समर्थक पार्षद अमित निडानी को अपने खेमे में लेकर आए। अमित निडानी ने पिछले साल जुलाना से विधानसभा चुनाव इनेलो की टिकट पर लड़ा था। सोमवार को सुबह अमित निडानी विधायक मिढ़ा की गाड़ी में ही बैठ कर मीटिग में पहुंचे।
पीछे हटा विरोधी खेमा
विरोधी खेमे को अमित निडानी के प्रधान के खेमे में जाने की सूचना मिलने के बाद समीकरण बदल गए। जिसके बाद विरोधी खेमा भी पीछे हट गया। वैसे चुनाव के लिए कम समय बचा है, ऐसे में अपने वार्ड के लिए ग्रांट लेने के लिए पार्षद कोई जोखिम नहीं लेना चाहते थे। सभी ने मीटिग में रखे गए सभी एजेंडा को एकमत होकर पारित कर दिया गया। हालांकि उप प्रधान उमेद सिंह रेढू ने कहा कि दोनों पार्टियों की गठबंधन सरकार है। इसलिए जिला परिषद में भी पार्टियों के बीच टकराव नहीं होना चाहिए। इसी वजह से वे मीटिग में नहीं आए।
अमित निडानी ने डिप्टी सीएम के खिलाफ निदा प्रस्ताव की मांग की
मीटिग में इनेलो व कांग्रेस समर्थक पार्षदों ने पिछले दिनों जिला परिषद के विकास कार्यों पर रोक के लिए डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को जिम्मेदार ठहराया। इनेलो समर्थक पार्षद अमित निडानी ने तो मीटिग में डिप्टी सीएम के खिलाफ निदा प्रस्ताव भी लाने की मांग की। लेकिन सांसद सुनीता दुग्गल ने इससे इंकार करते हुए कहा कि विकास कार्य रुकने के पीछे अधिकारियों की लापरवाही रही होगी। कोई भी अपने क्षेत्र में काम रुकवाना नहीं चाहेगा।
एस्टीमेट नहीं बनाते अधिकारी
पार्षदों ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि मीटिग में तो प्रस्ताव पास होते हैं, लेकिन अधिकारियों की वजह से काम अटके रहते हैं। पंचायती राज विभाग के जेई एस्टीमेट नहीं बनाते। वहां काफी भ्रष्टाचार हैं, जिसके चलते काम नहीं हो पाते।
पीएमएवाइ पर भी सवाल
पार्षद पिकी ऐंचरा ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को पैसा नहीं मिला। जिसके कारण उनके जर्जर भवन गिरने को हैं। उनके गांव में ही कई लाभार्थी हैं, जिनकी किस्त नहीं गई। विधायक मिढ़ा ने भी पीएमएवाइ में देरी पर सवाल उठाए।