3.70 करोड़ से जुलाना नई अनाज मंडी में जलभराव से मिलेगी राहत
जुलाना की नई अनाज मंडी में आढ़तियों एवं किसानों को जलभराव से मुक्ति मिलेगी। तीन करोड़ 70 लाख रुपये से दो मेन सड़क सभी सर्विस रोड व पार्किंग एरिया में ब्लॉक लगेंगे।
संवाद सूत्र, जुलाना : जुलाना की नई अनाज मंडी में आढ़तियों एवं किसानों को जलभराव से मुक्ति मिलेगी। तीन करोड़ 70 लाख रुपये से दो मेन सड़क, सभी सर्विस रोड व पार्किंग एरिया में ब्लॉक लगेंगे। नई अनाज मंडी की सीवरेज व्यवस्था को जुलाना शहर की निकासी की मेन लाइन से जोड़ दिया जाएगा इससे बरसात का पानी मंडी में जमा नहीं होगा। करीब एक माह के अंदर मंडी में काम शुरू हो जाएगा। धान की फसल आने से पहले इस निर्माण कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
जुलाना की नई अनाज मंडी थोड़ी सी बरसात होते ही तालाब में तबदील हो जाती है। मंडी की सड़क भी खस्ता हालत में हैं। पार्किंग एरिया में घास-फूस उगा हुआ है जिसके कारण वहां पर सांप आदि खतरनाक जानवर निकल आते हैं। मंडी की नालियों की हालत भी खस्ता होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती है। मंडी में थोड़ी बरसात होते ही पानी जमा हो जाता है और किसानों की फसल खराब हो जाती है। किसानों को अपनी फसल भी खस्ता हालत सड़क पर उतारने मजबूर हैं। किसान व आढ़ती काफी समय से इन समस्याओं से कई वर्षो से परेशान हैं। किसान व आढ़तियों ने इन समस्याओं का समाधान के लिए मार्केट कमेटी चेयरमैन विष्णु शर्मा को अवगत कराया। विष्णु शर्मा ने इन मांगों को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा। चेयरमैन के प्रयासों से मुख्यमंत्री ने समस्याओं के समाधान के लिए तीन करोड़ 70 लाख रुपये की मंजूरी दी है। करीब 10 दिन के अंदर सभी कामों के मसौदे मुख्यालय को भेज दिए जाएंगे। इसके बाद मंडी में नव निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। मंडी की सीवरेज लाइन को शहर की सीवरेज से जोड़ दिया जाएगा ताकि निकासी की समस्या का समाधान हो सके और मंडी में पानी जमा ना हो। अक्तूबर में धान की फसल आने से पहले इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। जुलाना अनाज मंडी के चारों गेटों पर लगेंगे दो-दो धर्म कांटे
जुलाना की नई अनाज मंडी में चारों गेटों पर दो-दो धर्मकांटे लगेंगे। सभी कांटों को धान के सीजन से पहले चालू कर दिया जाएगा। इन धर्म कांटों पर काम चालू है। जल्द ही काम पूरा कर लिया जाएगा। धर्म काटों के चलने के बाद किसानों को अपनी फसल का तोल करवाने के लिए प्राइवेट धर्म कांटों पर नहीं जाना पड़ेगा। किसान धर्म कांटे पर अपनी फसल का तोल करवाकर फसल को बेच देंगे। मंडी में भीड़ भी कम होगी।