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आचार संहिता से पहले विकास कार्यों के लिए बुलाई मीटिग, बगैर चर्चा 10 मिनट में खत्म

शहर के विकास कार्यों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को नगर परिषद की हाउस की मीटिग बुलाई गई। लेकिन विकास कार्यों पर चर्चा के लिए ना तो अधिकारियों ने रुचि ली और ना ही प्रधान के समर्थित पार्षदों ने।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 09:31 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 09:31 AM (IST)
आचार संहिता से पहले विकास कार्यों के लिए बुलाई मीटिग, बगैर चर्चा 10 मिनट में खत्म
आचार संहिता से पहले विकास कार्यों के लिए बुलाई मीटिग, बगैर चर्चा 10 मिनट में खत्म

जागरण संवाददाता, जींद : शहर के विकास कार्यों पर चर्चा के लिए शुक्रवार को नगर परिषद की हाउस की मीटिग बुलाई गई। लेकिन विकास कार्यों पर चर्चा के लिए ना तो अधिकारियों ने रुचि ली और ना ही प्रधान के समर्थित पार्षदों ने। करीब दो बज कर पांच मिनट पर मीटिग शुरू हुई और 10 मिनट में ही समर्थित पार्षदों ने अनुच्छेद 370 व 35ए के प्रस्ताव पर धन्यवाद करते हुए मीटिग से बाहर जाना शुरू कर दिया।

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विरोधी पार्षदों ने शहर में सफाई, स्ट्रीट लाइट, पार्कों व अन्य मुद्दों पर प्रधान पूनम सैनी व नगर परिषद अधिकारियों को घेरते हुए सवाल किए। पार्षद प्रवीन बैनिवाल ने कहा कि पिछली मीटिग में पास हुए करोड़ों रुपये कार्यों का क्या चल रहा है। अगले सप्ताह आचार संहिता लगने की संभावना है, जिससे ये काम अटक सकते हैं। 31 जून को सफाई का ठेका पूरा हो चुका है। समय रहते नया ठेका क्यों नहीं छोड़ा गया। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। लेकिन ईओ अरूण सिंह और सेक्रेटरी सुखदेव तो मीटिग को खत्म कराने की जल्दी में दिखे और जवाब देने की बजाय टेंडर प्रक्रियाओं के नियम समझाने लगे। पार्षदों ने जब वार्ड एक से 31 तक स्ट्रीट लाइटों के बारे में पूछा, तो ईओ ने कहा कि टेंडर लगाए हुए हैं। शायद खुल गए होंगे। जिस पर विरोधी पार्षदों ने कहा कि आप एक जिम्मेदार पद पर बैठे हैं, ऐसे आधी-अधूरी जानकारी नहीं देनी चाहिए। सेक्टरों व बाजार में रात को सफाई के टेंडर को लेकर भी अधिकारियों के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था।

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केवल फोटो खिचवाने आते हो

मीटिग के एजेंडे में पिछली बैठक की कार्यवाही की पुष्टि, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 व 35ए को निष्क्रिय करने पर पीएम व गृह मंत्री का धन्यवाद प्रस्ताव पास करने व शहर के विकास कार्यों पर चर्चा शामिल थी। सेक्रेटरी ने खड़े होकर एक बार में ही पूरा एजेंडा पढ़ दिया, तो इसका विरोधी पार्षदों ने विरोध जताते हुए कहा कि एक-एक करके सभी एजेंडों पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर प्रधान समर्थित पार्षदों ने उल्टे उन्हें ही नसीहत देनी शुरू कर दी कि तुम वैसे तो कभी कार्यालय आते नहीं। मीटिग में फोटो खिचवाने आते हो। इस पर दोनों पक्षों में थोड़ी देर के लिए माहौल गरमा गया।

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डोर टू डोर कूड़ा लेने नहीं आता कोई

वार्ड 21 की पार्षद सविता कुंडू ने कहा कि जो पिछला सफाई का ठेका था। उसमें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन भी शामिल था। लेकिन एक साल में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए कोई नहीं आया। लोग खुद पैसे देकर कूड़ा उठवाते हैं। सेक्टरों में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। पार्कों का बुरा हाल है।

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नालों के ऊपर ढक्कन नहीं, हो रहे हादसे

सेक्टरों में नालों के ऊपर ढक्कन नहीं होने पर सवाल पूछते हुए पार्षदों ने कहा कि कई जगहों पर नालों के ऊपर पहले ही ढक्कन नहीं थे। कुछ ढक्कन नालों की सफाई करते समय टूट गए। खुले नाले होने हादसे हो रहे हैं। कुछ दिन पहले एक सांड नाले में फंसने की वजह से मर गया। लेकिन नगर परिषद ध्यान नहीं दे रही।

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रोड पर पड़े पाइपों से हो रहे हादसे

वार्ड 28 के पार्षद जिले सिंह जागलान ने अमरूत योजना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि नगर परिषद ने एक साल पहले सड़कों व किनारों पर पाइप डाले थे। जिन्हें अब तक नहीं दबाया। भिवानी रोड पर इन पाइपों की वजह से हादसे हो रहे हैं। लोग काफी परेशान हैं। पाइप को जल्द दबाएं या फिर वहां से हटाएं।


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