सीआरएसयू भर्ती विवाद : प्रो. संदीप बेरवाल के प्रशासनिक और अकादमिक ब्लॉक में प्रवेश पर लगाई रोक
सीआरएसयू में भर्तियों में चयन प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाने वाले प्रो. संदीप बेरवाल को सस्पेंड करने के बाद उन पर प्रशासनिक और अकादमिक ब्लॉक में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार को भी वे प्रशासनिक ब्लॉक के सामने वे धरने पर बैठे रहे।
जागरण संवाददाता, जींद : सीआरएसयू में भर्तियों में चयन प्रक्रिया में धांधली के आरोप लगाने वाले प्रो. संदीप बेरवाल को सस्पेंड करने के बाद उन पर प्रशासनिक और अकादमिक ब्लॉक में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार को भी वे प्रशासनिक ब्लॉक के सामने वे धरने पर बैठे रहे। रविवार शाम चयन प्रक्रिया को लेकर हुए विवाद के बाद से ही उनका धरना जारी है। सेलेक्शन कमेटी की मीटिग में प्रो. बेरवाल पर जिस अभ्यर्थी की पैरवी करने और उसका चयन नहीं होने पर चयन कमेटी के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप लगाए थे। वो अभ्यर्थी भगत फूल सिंह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर डा. योगेश ठाकुर मंगलवार को विश्वविद्यालय में पहुंचे। धरने पर बैठे प्रो. संदीप बेरवाल के साथ-साथ वे वीसी और रजिस्ट्रार से भी मिले। योगेश ठाकुर ने कहा कि सीआरएसयू में एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आवेदन किया था और साक्षात्कार में हिस्सा लिया। लेकिन रविवार को सेलेक्शन कमेटी की मीटिग में जो हुआ, उससे तो उसका कुछ लेना-देना नहीं था। फिर भी बेवजह उसका सार्वजनिक रूप से वीसी और रजिस्ट्रार द्वारा नाम घसीटा गया। वीसी ने किस आधार पर मामले में उनका नाम लिया। इसके बारे में जानना चाहते हैं। उसे जो मेल मिली है, उसमें 35 अंक लगाए गए हैं। जबकि उसके हिसाब से 41 अंक बनने चाहिए थे। कुछ अंक कम दिए गए। वे किस आधार पर दिए गए। ये जानना चाहते हैं। इस पूरे मामले में कानूनी सलाह लेंगे और जरूरत पड़ी, तो आगामी कार्रवाई करेंगे। दूसरी तरफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज हरियाणा टीचर फेडरेशन के अध्यक्ष डा. मनोज सिवाच भी सीआरएसयू पहुंचे और डा. संदीप तथा रजिस्ट्रार से भी मुद्दे पर बातचीत की।
रजिस्ट्रार भी उनके जानकार हैं : ठाकुर
उन्हें प्रो. संदीप बेरवाल का जानकार होने की बात कही जा रही है। प्रो. बेरवाल के साथ-साथ रजिस्ट्रार प्रो. राजेश पूनिया भी उनके जानकार हैं। लेकिन उसने कभी किसी से अपने लिए सिफारिश नहीं की। वे अब भी भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय में जॉब कर रहे हैं। अगले कुछ महीने में एसोसिएट प्रोफेसर बनने वाले हैं। उस दिन मीटिग में क्या हुआ, इसके बारे में वे नहीं जानते। लेकिन प्रो. संदीप बेनिवाल के साथ जो हुआ, वो गलत था। शिक्षण संस्थानों में हिसा नहीं होनी चाहिए। उसके बाद योगेश ठाकुर ने वीसी और रजिस्ट्रार से मिलकर भी अपनी बात रखी।
वीसी और रजिस्ट्रार को पद मुक्त कर जांच की जाए
प्रो. संदीप बेरवाल ने कहा कि वे महात्मा गांधी के मार्ग सत्याग्रह पर चल पड़े हैं। जब तक वीसी और रजिस्ट्रार को पद मुक्त कर पूरे मामले की जांच सरकार नहीं करवाती। तब तक वे धरने पर बैठे रहेंगे। उन्हें सस्पेंशन ऑर्डर थमा दिया गया। लेकिन सस्पेंड करने से पहले उसका पक्ष तक नहीं जाना गया। वे कार्यकारी परिषद के सदस्य थे, इसलिए उन्हें कार्यकारी परिषद की मीटिग में बुलाकर उनका पक्ष जानना चाहिए था। उसके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है, मानो वो आतंकी है। उसके अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक में प्रवेश पर रोक लगा दी। नजदीक जो शौचालय था, उसका गेट बंद कर दिया गया। लघु शंका के लिए भी उन्हें अपनी गाड़ी में घर जाना पड़ रहा है।
वर्जन
योगेश ठाकुर उनसे मिलने आए थे। उन्हें पूरा मामला बता दिया गया, जिससे वे संतुष्ट हुए हैं। प्रो. संदीप बेरवाल ने सेलेक्शन कमेटी की मीटिग में उनके सेलेक्शन के लिए दबाव बनाते हुए कमेटी सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया। जो सच्चाई थी, वो सबके सामने रखी गई। इसमें सीधे तौर पर योगेश ठाकुर से कोई संबंध नहीं है। सभी चयनित उम्मीदवारों ने ज्वाइन कर लिया है। प्रो. बेरवाल पर अकादमिक और प्रशासनिक ब्लॉक में प्रवेश पर जो रोक लगाई गई है। वो कार्यकारी परिषद द्वारा फैसला लिया गया था। शौचालय व अन्य सुविधाओं के लिए सिक्योरिटी गार्ड को चाबी दी गई है। ताकि जब भी संदीप बेरवाल को बाथरूम की जरूरत पड़ेगी, गेट खोल दिया जाए।
प्रो. राजेश पूनिया, रजिस्ट्रार, सीआरएसयू