तीन साल में जिले में ¨लगानुपात में हुआ सुधार, 857 की जगह 927 पहुंचा
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के बाद जिले का ¨लगानुपात में सुधार आया है। अभियान की शुरुआत के बाद ¨लगानुपात 927 पहुंच गया है, साल 2015 में 1000 लड़कों पर 857 लड़कियां थी, जबकि यह अनुपात 2016 में 900 और 2017 में 926 था। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' मुहिम की शुरुआत की थी।
जागरण संवाददाता, जींद : बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान के बाद जिले का ¨लगानुपात में सुधार आया है। अभियान की शुरुआत के बाद ¨लगानुपात 927 पहुंच गया है, साल 2015 में 1000 लड़कों पर 857 लड़कियां थी, जबकि यह अनुपात 2016 में 900 और 2017 में 926 था। 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' मुहिम की शुरुआत की थी। जब मुहिम शुरू हुई तो जींद जिलें में ¨लगानुपात की हालात बहुत खराब थी, लेकिन तीन साल में स्वास्थ्य विभाग ने अवैध अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर छापे मारे, एफआईआर दर्ज की, अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की। इसके अलावा विभाग की तरफ से प्रत्येक एरिया में तैनात एमपीएचडब्ल्यू के साथ आशा वर्करों को तैनात किया। जो प्रत्येक गर्भवती महिला पर नजर रखी। विभाग ने इस दौरान सख्त हिदायत दी हुई है जिस भी एरिया में ¨लगानुपात खराब हुआ तो उस एरिया में तैनात जिम्मेवारी स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग के यह आदेश रंग लाई और साल दर साल ¨लगानुपात में सुधार हो रहा है।
-----------------------
तीन साल में 70 व पिछले वर्ष में एक अनुपात कम
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों तीन वर्ष में पुरुष व लड़कियों में 70 ¨लगानुपात में सुधार हुआ है। जबकि वर्ष 2017 में 1000 लड़कों पर 926 लड़कियां थी, जबकि विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में यह 927 पहुंचा है। इसलिए पिछले एक वर्ष ¨लगानुपात में एक प्वाइंट सुधार हुआ है।
------------------------
जिले के ¨लगानुपात में सुधार लाने के लिए अभियान चलाया हुआ है और साल दर साल सफलता भी मिल रही है। ¨लग जांच करने वालों की पहचान करके उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
डा. संजय दहिया, सिविल सर्जन जींद