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जींद की तरक्की और चौधर के लिए चुनावी रण में उतरा हूं : सुरजेवाला

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और जींद उपचुनाव में पार्टी के प्रत्‍याशी रणदीप सुरजेवाल का कहना है कि वह चुनावी रण में जींद के विकास और यहां की चौधर स्‍थापित करने के लिए उतरे हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 20 Jan 2019 01:59 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jan 2019 01:59 PM (IST)
जींद की तरक्की और चौधर के लिए चुनावी रण में उतरा हूं : सुरजेवाला
जींद की तरक्की और चौधर के लिए चुनावी रण में उतरा हूं : सुरजेवाला

जींद। कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार रणदीप सिंह सुरजेवाला को कांग्रेस ने जींद उपचुनाव के लिए प्रत्‍याशी बनाया तो सभी ताजुब्‍ब में रह गए। महज कुछ माह के कार्यकाल के लिए उपचुनाव में उनके जैसे वरिष्‍ठ नेता को मैदान में उतारना अप्रत्‍याशित था। लेकिन, अब इसे प्रदेश की भविष्‍य की राजनीति से जोड़ा जा रहा है। सुरजेवाला का कहना है कि वह जींद की तरक्की और इलाके की चौधर के लिए विधानसभा उपचुनाव लड़ रहे हैं। 

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कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और जींद के प्रत्याशी रणदीप सिंह सुरजेवाला से बातचीत

जींद की धरती को अपनी राजनीतिक प्रगति का आधार बताने वाले सुरजेवाला न केवल भाजपा पर पक्षपात, भेदभाव और अनदेखी के आरोप लगाते हैं, बल्कि पूर्व की इनेलो सरकार पर भी जींद की अनदेखी का हमला बोलने से नहीं चूकते। पेश हैं करीब ढाई हजार की आबादी वाले गांव ईक्कस में दैनिक जागरण के स्टेट ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल से उनकी विभिन्न मुद्दों पर हुई बातचीत के अंश।

- कैथल छोड़कर जींद के चुनावी रण में कूदने की क्या वजह है। किन मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे?

- जींद से मेरा पारिवारिक रिश्ता है। मैं यहां किसी का हक मारने नहीं आया। छह चुनाव में से मैंने पांच जीते। दो नरवाना से और दो कैथल से। एक का सर्टिफिकेट मुझे ओम प्रकाश चौटाला ने नहीं लेने दिया है। पार्टी ने जब मुझे यहां चुनाव लड़ने का आदेश दिया तो मुझे अपने कर्तव्य का अहसास हुआ। मन में आया कि जब मैं कैथल का विकास कर सकता हूं तो जींद का क्यों नहीं। जींद की धरती ने मुझे राजनीतिक प्रगति दी है। मैं यहां का बेटा हूं।

जींद में सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ चुनाव प्रचार करते रणदीप सिंह सुरजेवाला।

- कांग्रेस हाईकमान ने क्या सोचकर आपको चुनाव मैदान में उतारा। क्या कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं का समर्थन मिल रहा?

- जींद में जितने भी विकास कार्य हुए, वह सब कांग्रेस की देन हैं। पिछले साढ़े चार सालों में मुख्यमंत्री ने भी इलाके की कोई सुध नहीं ली। यह विधायक बनाने का चुनाव नहीं है। यहां की जनता का एमपी या एमएलए से काम चलता तो वे चला लेते, लेकिन यह चुनाव इलाके की तस्वीर बदलने का चुनाव है। दस साल में यहां के दिवंगत विधायक हरिचंद मिड्ढा कोई काम नहीं कर सके। भाजपा ने उन्हें विधानसभा में बोलने ही नहीं दिया। रोहतक और कैथल से भी ज्यादा काम हम जींद में करके दिखाएंगे।

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- जींद को जाटलैंड माना जाता है। यहां तीन-तीन जाट उम्मीदवार हैं। आप अपनी जीत का आधार क्या मानते हैं?

- हमारा एक ही नारा है - जींद बदलेंगे, जिंदगी बदलेंगे। हम जातिवाद की राजनीति नहीं करते। हमें हर वर्ग का स्नेह और आशीर्वाद मिल रहा है। लोग भाजपा से नाराज हैं। जेजेपी नेता खुद मान चुके कि इनेलो विधानसभा में भाजपा की बी टीम है और मैं यह कहता हूं कि जेजेपी पार्टी नहीं बल्कि जूनियर बीजेपी है। इलाके की जनता अब अनदेखी और पक्षपात का शिकार नहीं होना चाहती।

 - मुख्यमंत्री मनोहर लाल अकसर कहते हैं कि उन्होंने बिना किसी पक्षपात और भेदभाव के पूरे प्रदेश का समान विकास किया है।

- जनता यह समझ चुकी है कि दस साल तक विधायक रहे हरिचंद मिड्ढा को विधानसभा में यहां की समस्याएं नहीं उठाने दी गईं। सांसद रमेश कौशिक भी आज तक इलाके की सुध लेने नहीं आए। साढ़े चार साल में विकास की चार ईंटे नहीं लगी। भाजपा की विदाई में 90 दिन बाकी हैं। डेढ़ माह चुनावी आचार संहिता में लग जाएगा। हम पक्षपात, भेदभाव और अनदेखी को दूर करने की लड़ाई लड़ रहे हैं। भेदभाव का इससे बड़ा उदाहरण और क्या होगा कि 700 कच्चे कर्मचारियों में से 652 जींद से बाहर के हैं। यहां के युवाओं को पक्की नौकरी तो दूर की बात है।

जींद में चुनाव प्रचार के दौरान सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ रणदीप सिंह सुरजेवाला।

- क्या यह मान लिया जाए कि चुनाव जीतने पर कांग्रेस अगले विधानसभा चुनाव में आपको सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट करने वाली है?

- समझने को कोई कुछ भी समझ ले। मैं इलाके की तरक्की और चौधर की लड़ाई लड़ रहा हूं। जींद का बेटा हूं और यह साबित करके दिखाऊंगा। जींद से पारिवारिक रिश्ते को राजनीतिक रिश्ते में बदलने के लिए लोगों से आशीर्वाद मांग रहा हूं।

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