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इंसान को सीखनी चाहिए जीवन जीने की कला : अचल मुनि

संवाद सूत्र, उचाना : सुदर्शन संघ के चातुर्मास में मानव महल की रचना करते हुए गुरुवार को गुरु

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 09:10 PM (IST)
इंसान को सीखनी चाहिए जीवन जीने की कला : अचल मुनि
इंसान को सीखनी चाहिए जीवन जीने की कला : अचल मुनि

संवाद सूत्र, उचाना : सुदर्शन संघ के चातुर्मास में मानव महल की रचना करते हुए गुरुवार को गुरु अचल ने फरमाया कि अब महल में हमें जीने की कला भी सीखनी है क्योंकि अगर तैरना आता हो तो हम डूब नहीं सकते, खाना बनाना आता हो तो हम भूखे मर सकते। इसी प्रकार जीने की कला भी बहुत जरूरी है। आज शादियां असफल हो रही हैं, रिश्ते टूट रहे हैं। इसकी वजह है जीने की कला का न होना, सहन शक्ति का अभाव , पति-पत्नी छोटी से छोटी बात भी सहन नहीं कर पाते।

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जैन संत ने कहा कि मैं एक ऐसे परिवार को जानता हूं। जिनकी शादी को कुछ ही महीने हुए थे। एक बार पत्नी कार रिवर्स में ले रही थी। बगल में बैठे पति ने कहा कि तुम्हें गाड़ी को रिवर्स करना भी नहीं आता। इसके बाद पत्नी ने कार की चाबी फेंकी और सीधी अपने मां-बाप के घर चली गई। तलाक का प्रस्ताव रख दिया। क्या यही ¨जदगी है। गुरु आपके साथ हमेशा नहीं रहेंगे। इसलिए अपने मन को खुद ही समझाना होगा। अपने मन को श्रोता बनाए एवं स्वयं उपदेशक बने।


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