नागरिक अस्पताल में हाउस फुल, मरीजों को नहीं मिल रहे बेड
जागरण संवाददाता, जींद : मौसम बदलने से बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। इन दिनों वायरल बुखार
जागरण संवाददाता, जींद : मौसम बदलने से बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। इन दिनों वायरल बुखार का प्रकोप इतना ज्यादा है कि हर घर में मरीज हैं। यह बुखार आम वायरल से अलग है। इसके लक्षण चिकनगुनिया व डेंगू जैसे ही है। आम भाषा में इसे हड्डी तोड़ बुखार कहते हैं। लक्षण एक जैसे होने से लोगों में डेंगू व चिकनगुनिया का हौवा बन गया है। नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन 500 के करीब ऐसे मरीजों की संख्या पहुंच रही है। वायरल की ज्यादा दिक्कत होने के कारण चिकित्सक मरीज को दाखिल करने की फाइल बना रहे है, लेकिन वार्ड में मरीजों के लिए बेड उपलब्ध नहीं होने के चलते वहां पर तैनात स्टाफ नर्स हाउस फुल लिखकर वापस मरीजों को लौटा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को निजी अस्पतालों की तरफ रूख करना पड़ रहा है या बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण चिकित्सक केवल दवाई देकर उनको घर भेज रहे हैं। ऐसी ही हालात शहर के निजी अस्पतालों की भी है। जिले के निजी अस्पतालों में मरीजों से वार्ड फुल हैं। इमरजेंसी ही नहीं बल्कि जनरल वार्ड भी फुल हैं।
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जनरल वार्ड में 35 बेड, अधिकतर फुल
मुख्यालय पर स्थित नागरिक अस्पताल 200 बैड का है, लेकिन जनरल वार्ड में मरीजों को दाखिल करने के लिए 35 बैड लगाए गए है। इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में 8 बेड लगाए गए है। जहां पर वायरल से पीड़ित मरीजों को दाखिल करवाया जा रहा है। इसके अलावा गायनी वार्ड, हड्डी रोग वार्ड, सर्जरी वार्ड, डेंगू वार्ड, आंखों के वार्ड में बेड लगाए गए है। गायनी वार्ड को छोड़कर दूसरे वार्डों में अक्सर बेड खाली रहते हैं, लेकिन किसी भी समय उन वार्ड में मरीज आ सकते है, इसलिए जनरल वार्ड के मरीजों को वहां पर दाखिल नहीं किया जा रहा है।
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एमएस ने किया वार्ड का दौरा
नागरिक अस्पताल के जनरल वार्ड में सभी बेड फुल होने के चलते बृहस्पतिवार को एमएस डॉ. राजेश भोला ने वार्ड का दौरा किया। जहां पर वार्डों की स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान जो मरीज कई दिन से दाखिल थे और उनका इलाज लगभग पूरा हो चुका है उनको छुट्टी दी गई, ताकि आने वाले नए मरीजों को दाखिल किया जा सके।
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1500 की ओपीडी में 500 के करीब मरीज बुखार पीड़ित के
नागरिक अस्पताल में प्रतिदिन करीब 1500 ओपीडी हो रही है। इसमें अकेले 500 ओपीडी वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की होती है। वायरल से पीड़ित होने के कारण मरीजों के चिकित्सकों द्वारा टेस्ट लिखे जा रहे है और दोपहर 12 बजे तक लैब में मरीजों की भीड़ लगी रहती है।
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मलेरिया फैलने का खतरा मंडराया
एपीएचडब्ल्यू मेल व फीमेल की हड़ताल चलने के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले 17 दिन से डेंगू व मलेरिया के मरीजों की पहचान करने के लिए नमूने नहीं लिए जा रहे है। फिलहाल जिले में 292 के करीब स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल पर चल रहे है और अधिकतर का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों से सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजना है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण का कार्य भी पूरी तरह से प्रभावित हो गया है और गर्भवती महिलाओं की भी पहचान करने का कार्य प्रभावित है।
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मौसम बदलने के साथ वायरल के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इसके कारण अस्पताल के बेड भी फुल हो जाते है, मरीज को पूरा इलाज देने के बाद ही छुट्टी दी जाती है। मरीजों की अधिकता के चलते बेड फुल हो जाते है। उन्होंने खुद वार्ड में जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया है।
डॉ. राजेश भोला, एमएस नागरिक अस्पताल जींद