हर्बल पार्क में जल्द आएगी नहरी पानी, बढ़ेगी हरियाली
शहर के सबसे बड़े हर्बल पार्क में सुबह-शाम सैर करने वाले लोगों को अब और ज्यादा ऑक्सीजन मिलेगी। पार्क में हरियाली बढ़ाने के लिए नहरी पानी लाने का काम शुरू हो गया है। जनस्वास्थ्य विभाग ने अंडरपास से अस्पताल के पीछे तक पाइप दबा दी है। एक महीने के अंदर हर्बल पार्क में नहरी पानी पहुंच जाएगा।
जागरण संवाददाता, जींद : शहर के सबसे बड़े हर्बल पार्क में सुबह-शाम सैर करने वाले लोगों को अब और ज्यादा ऑक्सीजन मिलेगी। पार्क में हरियाली बढ़ाने के लिए नहरी पानी लाने का काम शुरू हो गया है। जनस्वास्थ्य विभाग ने अंडरपास से अस्पताल के पीछे तक पाइप दबा दी है। एक महीने के अंदर हर्बल पार्क में नहरी पानी पहुंच जाएगा।
डीसी कॉलोनी के पीछे वर्ष 2006 में 16 एकड़ में बना हर्बल पार्क शहर के लोगों के लिए घूमने-फिरने की सबसे पसंदीदा जगह बन चुका है। यहां 65 से अधिक प्रजातियों के पौधे लगे हुए हैं। चार एकड़ में आंवले का बाग है। छायादार, औषधीय, फलदार सहित कई तरह की बेल भी हैं। बेलगिरि के पौधे भी बड़ी संख्या में खड़े हैं। मौलसरी, सर्पगंधा, अश्वगंधा, सफेद लाल चंदन, एलोवेरा, हरड़, शतावर, मोगरा, ब्रह्मी बूटी, चांदनी आदि कई प्रजातियों के पेड़ पौधे भी पार्क के वातावरण को खुशनुमा बनाते हैं। लेकिन भूमिगत पानी खारा ज्यादा होने के कारण नए पौधों की बढ़वार कम हो रही है। इस कारण हर साल कुछ पौधे सूख भी जाते हैं। इससे पार्क में हरियाली घटती जा रही थी। पिछले साल डीएफओ रोहताश बिरथल ने इस समस्या को तत्कालीन उपायुक्त अमित खत्री के सामने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद खत्री ने जनस्वस्थ्य विभाग को हर्बल पार्क में नहरी पानी लाने का एस्टीमेट बनाने का निर्देश दिया था। अब जनस्वास्थ्य विभाग ने डी-प्लान के करीब साढ़े 18 लाख रुपये के प्रोजेक्ट से अंडरपास की तरफ से भूमिगत पाइप बिछाने शुरू कर दिए हैं। विभाग के एक्सईएन संजय शर्मा ने कहा कि एक महीने के अंदर हर्बल पार्क में नहरी पानी आना शुरू हो जाएगा। गर्मी के कारण काम कुछ धीमा चल रहा है। वहीं, हर्बल पार्क में रोज आने वाले योगाचार्य जोरा सिंह आर्य, बिजनेसमैन सुरेंद्र ढुल, सहायक बाल कल्याण अधिकारी मलकियत चहल, एसडीओ परमेश कुमार, जेई अशोक कुमार, जेई समरवीर आदि ने कहा कि नहरी पानी से यहां हरियाली बढ़ेगी, जिससे लोगों को और ज्यादा ताजी व स्वच्छ हवा मिलेगी।
-नए पौधों की ग्रोथ बढ़ेगी
हर्बल पार्क में नई नर्सरी बनाई गई है, जिसमें अभी 55 हजार पौधे हैं। नहरी पानी आने से इन पौधों की ग्रोथ बढ़ेगी और छोटे पौधे भी तेजी से बड़े होंगे। भूमिगत पानी में टीडीएस 3000 से ज्यादा होने के कारण छोटे पौधे चल नहीं पा रहे हैं।
-रोहताश बिरथल, डीएफओ, जींद।