Move to Jagran APP

स्वास्थ्य विभाग ने नहीं डलवाया तेल, दो दिन से मोबाइल क्लीनिक बसें बंद

लॉकडाउन के दौरान गांव-गांव जाकर मरीजों की जांच व उपचार कर रहीं 13 मोबाइल क्लीनिक बसें दो दिन से बंद हैं। कारण यह है कि स्वास्थ्य विभाग इन बसों में तेल नहीं डलवा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 09:28 AM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 09:28 AM (IST)
स्वास्थ्य विभाग ने नहीं डलवाया तेल, दो दिन से मोबाइल क्लीनिक बसें बंद
स्वास्थ्य विभाग ने नहीं डलवाया तेल, दो दिन से मोबाइल क्लीनिक बसें बंद

प्रदीप घोघड़ियां, जींद : लॉकडाउन के दौरान गांव-गांव जाकर मरीजों की जांच व उपचार कर रहीं 13 मोबाइल क्लीनिक बसें दो दिन से बंद हैं। कारण यह है कि स्वास्थ्य विभाग इन बसों में तेल नहीं डलवा रहा है। अभी तक परिवहन विभाग ही बसों में तेल डाल रहा था और उनका करीब 14 लाख का बिल बनाकर भी अदायगी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास भेज दिया है। परिवहन विभाग ने मुख्यालय के निर्देशों के बाद मोबाइल क्लीनिक बसों में तेल डालना बंद कर दिया है और स्वास्थ्य विभाग को लिखित में बोल दिया है कि मोबाइल क्लीनिक बसें चलानी हैं तो तेल उसे डलवाना होगा। लॉकडाउन के कारण ग्रामीण क्षेत्र से लोगों को नागरिक अस्पताल न आना पड़े और उन्हें घर के पास ही चिकित्सा सुविधा मिल जाए, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने मोबाइल क्लीनिक हेल्थ सर्विस शुरू की गई थी। इसके तहत रोडवेज की 13 बसों में चिकित्सकों की टीम ने दवाइयां बस में ही रखकर गांवों में जाकर जांच और उपचार का काम किया था। बसों में हर रोज सैकड़ों किलोमीटर तय किए। इसका भुगतान स्वास्थ्य विभाग करेगा या जिला प्रशासन, यह अभी तय नहीं है। लेकिन अब रोडवेज बसों को मोबाइल क्लीनिक के रूप में चलाना है तो बस में डीजल स्वास्थ्य विभाग का डलवाना होगा। वहीं, प्रवासी कामगारों को उनके गृह जिले तक पहुंचाने तथा लोगों को घर-घर ओपीडी की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने जींद डिपो से जो रोडवेज बसें मांगी थी, इसकी एवज में जींद डिपो ने डीजल खर्च और मेंटेनेंस खर्च का करीब साढ़े 29 लाख रुपये का बिल बनाकर जिला प्रशासन के पास भेजा है। डिपो प्रबंधन ने डीसी डा. आदित्य दहिया के पास पत्र भेज बिल की राशि की अदायगी के बारे में लिखा है।

loksabha election banner

------------

100 बसों के मेंटेनेंस व डीजल के 29.50 लाख मांगे

लॉकडाउन 3.0 के दौरान जिले में फंसे हुए उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पंजाब, मध्य प्रदेश समेत दूसरे प्रदेशों के प्रवासी कामगारों को उनके गृह जिलों में भेजने के लिए प्रशासन ने रोडवेज बसों को सहारा लिया था। रोडवेज बसों में बैठाकर प्रवासियों को अंबाला, रोहतक और हिसार रेलवे जंक्शन पर छोड़ा गया। हरियाणा के साथ राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रोडवेज बसों को ही रवाना किया गया। इस दौरान जींद डिपो की लगभग 100 बसों को विभिन्न रूटों पर भेजा गया।

---------------

बिल बनाकर भेजा जिला प्रशासन के पास : बिजेंद्र हुड्डा

जींद डिपो के महाप्रबंधक बिजेंद्र हुड्डा ने कहा कि उन्होंने बिल बनाकर जिला प्रशासन के पास भेज दिया है। उन्हें मुख्यालय से आदेश मिले हैं कि मोबाइल क्लीनिक के रूप में बसें चलानी हैं तो संबंधित विभाग ही इसमें डीजल डलवाएगा। स्वास्थ्य विभाग को बसें चाहिए हैं तो वह ले सकता है लेकिन डीजल उन्हें खुद ही डलवाना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.