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नौकरी का आवेदन किया नहीं, नियुक्ति पत्र आया, 15,700 रुपये जमा कराने को कहा

युवाओं को नियुक्ति पत्र भेजकर रुपये ऐंठने का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। पहले रोडवेज में चालक-परिचालकों के पद पर नियुक्ति के लिए ज्वाइनिग लेटर भेजे गए थे।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 01:20 AM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 05:14 AM (IST)
नौकरी का आवेदन किया नहीं, नियुक्ति पत्र आया, 15,700 रुपये जमा कराने को कहा
नौकरी का आवेदन किया नहीं, नियुक्ति पत्र आया, 15,700 रुपये जमा कराने को कहा

जागरण संवाददाता, जींद : युवाओं को नियुक्ति पत्र भेजकर रुपये ऐंठने का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। पहले रोडवेज में चालक-परिचालकों के पद पर नियुक्ति के लिए ज्वाइनिग लेटर भेजे गए थे। अब भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ लॉ एंड जस्टिस के लैटर पैड पर क्लर्क, चपरासी के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र डाक द्वारा भेजे गए हैं। जिन युवाओं ने आवेदन भी नहीं किया, उनके पास भी ऐसे फर्जी नियुक्ति पत्र भेजे जा रहे हैं। ऐसा ही फर्जी नियुक्ति मिला है, शहर के आसरी गेट निवासी शिवेंदू को। शिवेंदू के अनुसार उसने किसी भी भर्ती के लिए आवेदन नहीं किया है लेकिन उसे डाक के माध्यम से ज्वाइनिग लैटर मिला है। लैटर मिलने के बाद उसके पास फोन कॉल भी आई। फोन करने वाले ने उनके बैंक खाते में 15 हजार 700 रुपये जमा करवाने के लिए कहा।

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क्या लिखा है नियुक्ति पत्र में

शिवेंदू ने बताया कि उसे जो पत्र मिला है, उसमें लिखा गया है कि भारत सरकार के मिनिस्ट्री आफ लॉ एंड जस्टिस के अधीन डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस द्वारा (पिओन क्लर्क, चपड़ासी) पद के लिए चयनित कर लिया गया है। जिन आवेदकों ने साल-2020 में जिला कोर्ट में (पिओन क्लर्क, चपड़ासी) पदों के लिए आवेदन किया था, उनका परिणाम इस महीने जारी किया गया है। डिपार्टमेंट आफ जस्टिस द्वारा आवेदक को सीधी भर्ती द्वारा आवेदक को सरकारी नौकरी पर चयन कर लिया गया है। इसके लिए किसी भी प्रकार से साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। केवल 15 दिनों की प्री-ट्रेनिग होगी। आवेदक को वेतन 29340 प्रति माह तथा पे-बैंड पीबी-1(5200-20200) की दर से भुगतान होगा। हर साल दस प्रतिशत के हिसाब से वेतन बढ़ाया जाएगा। नियुक्ति पत्र पर दिए गए मोबाइल नंबर पर अपना नाम तथा फाइल नंबर लिखकर एसएमएस करना होगा और 15 हजार 700 रुपये का ड्राफ्ट बनवाकर जमा करवाना होगा।

आवेदन किया नहीं तो नियुक्ति पत्र कैसा

शिवेंदू ने बताया कि उसने किसी तरह की नौकरी के लिए आवेदन हीं नहीं किया। उसे जब ये नियुक्ति पत्र मिला तो पहले उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा लेकिन जब उसने इस बारे में जयति-जयति हिन्दू महान संगठन संयोजक अतूल चौहान से बात की तो इस फर्जीवाड़े के बारे में उसे ज्ञान हुआ। अब शिवेंदू ने सरकार तथा जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस तरह के फर्जी नियुक्ति पत्र भेजने के फर्जीवाड़ों पर रोक लगाई जाए। ताकि युवा ऐसे लोगों की बातों में आकर अपनी धनराशि न गंवा बैठे। बाकायदा वो इस मामले में पुलिस को भी शिकायत देंगे।

फर्जीवाड़े से बचें : रामकुमार

शहर थाना प्रभारी रामकुमार ने बताया कि युवा ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं, जैसे ही वो अपनी जानकारी इन फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों को उपलब्ध करवाएंगे तो वो तुरंत प्रभाव से ऑनलाइन या दूसरे माध्यम से बैंक खातों में जमा राशि को भी निकलवा सकते हैं।


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