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खरीफ फसलों के एमएसपी निर्धारण में किसान से धोखा : सुरजेवाला

जागरण संवाददाता जींद कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि शकुनी रू

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 09:54 AM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 09:54 AM (IST)
खरीफ फसलों के एमएसपी निर्धारण में किसान से धोखा : सुरजेवाला
खरीफ फसलों के एमएसपी निर्धारण में किसान से धोखा : सुरजेवाला

जागरण संवाददाता, जींद : कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि शकुनी रूप धारण किए और छल व कपट की चौसर बिछाए मोदी सरकार ने एक बार फिर खरीफ फसल मूल्य निर्धारण में धरतीपुत्र किसान से क्रूरता और बर्बरता का परिचय दिया है। मोदी सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ।

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महामारी के घोर संकट में भी किसान अपनी मेहनत से रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन करके देश की डूबती अर्थव्यवस्था को भी थामे हैं और देश के खाद्यान्न जरूरतों को भी पूरा कर रहा है। इसके बावजूद जुल्मी मोदी सरकार किसान के खेत खलिहान पर लगातार हमले करे? रही है। देश में मुद्रास्फीति यानि महंगाई की दर 6.2 फीसद है, लेकिन खरीफ फसलों की एमएसपी में औसत बढ़ोत्तरी 3.7 फीसद है। किसान फसल की लागत कैसे पूरी करे? देश में औसत महंगाई दर 6.2 फीसद है। किसान के लिए तो यह महंगाई दर 20 फीसद है। इसका अंदाजा केवल इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 13 महीने में अकेले किसान के ईंधन, डीजल की कीमत 23.93 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी गई। मोदी सरकार ने सात साल में अकेले डीजल पर 820 फीसद एक्साईज ड्यूटी बढ़ाई है। खाद पर 5 फीसद जीएसटी लगा दिया, कीटनाशक दवाई पर 18 फीसद जीएसटी लगाया और ट्रैक्टर तथा खेती के उपकरणों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाया। खाद औरत कीटनाशक दवाइयों की कीमतों में मोदी सरकार के सात सालों में लगभग 100 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। इस तरह खेती की लागत लगभग 20 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर बढ़ा दी है। इस मौके पर अंशुल सिगला, रघुबीर भारद्वाज, महावीर कंप्यूटर, राजकुमार गोयल, प्रवीन ढिल्लो, वीरेंद्र जागलान आदि थे।

-------------- --एमएसपी पर 118.93 लाख टन गेहूं कम खरीदा

सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार षड्यंत्र के तहत एमएसपी पर फसल खरीदी जानबूझकर कम कर रही है, तो एमएसपी निर्धारण से किसान को क्या फायदा मिलेगा? मोदी सरकार ने साल 2020-21 में एमएसपी पर 389.93 लाख टन गेहूं खरीदा। पर चालू साल 2021-22 में 271 लाख टन ही खरीदा है। यानि एमएसपी पर 118.93 लाख टन गेहूं कम खरीदा गया। इसी प्रकार 2019-20 में एमएसपी पर 519.97 लाख टन धान खरीदा गया। पर 2020-21 में मोदी सरकार ने एमएसपी को कमजोर करने के लिए एमएसपी पर मात्र 481.41 लाख टन धन ही खरीदा, जो 38.56 लाख टन कम था। इस प्रकार से एमएसपी को खत्म करने की साजिश की जा रही है।

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--प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण योजना का बजट काटा

सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण योजना का साधारण नाम भावांतर योजना भी है। किसान को मूल्य नहीं मिलेगा, तो फिर या तो सरकार इस स्कीम में खरीद करेगी या फिर किसान को न्यूनतम मूल्य और बाजार भाव के बीच की राशि किसान के खाते में डाली जाएगी। परंतु मोदी सरकार ने इस स्कीम का बजट ही काट दिया। साल 2019-20 में पीएम आशा का बजट 1500 करोड़ था, जो साल 2020-21 में कम करके सिर्फ 400 करोड़ कर दिया गया। यानि 1100 करोड़ की कटौती कर दी। क्या 400 करोड़ रुपये में देश के किसान को भावांतर योजना में कोई लाभ मिल सकता है?


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