गांव की शान होते थे तालाब, अब नहीं ले रहा कोई सुध
तालाब कभी गांव की शान होते थे लेकिन देखभाल के अभाव में आज ये तालाब गंदगी के ढेर में तबदील होते जा रहे हैं।
संवाद सूत्र, उचाना : गांव में तालाब कभी गांव की शान होते थे, लेकिन देखभाल के अभाव से आज ये तालाब गंदगी के ढ़ेर में तबदील होते जा रहे है। उचाना खुर्द गांव में दरोली खेड़ा रोड पर गौशाइया वाले तालाब के सौंदर्यीकरण की मांग ग्रामीणों ने पंचायत के साथ-साथ जिला प्रशासन से की। ग्रामीणों ने कहा कि यह तालाब गांव की धरोहर है। सदियों से यह तालाब गांव में बना है। बुजुर्ग बताते है कि इस तालाब का पानी लोग पीने के लिए भी लेकर जाते थे। यहां पर भैंस पानी नहीं पीती थी। यहां पर बस गायों को ही पानी पिलाया जाता था। तालाब की दो अलग-अलग घाट थे। गायों के पानी पीने के लिए अलग, घरों में पानी लेकर जाने वालों के लिए घाट था। काफी बार तालाब के सुंदरीकरण, इसमें पानी भरने की मांग की जाती रही है लेकिन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। ग्रामीण नरेंद्र श्योकंद, जयबीर, खुशीराम, रामफल, राजेश ने कहा कि किसी भी गांव की पहचान उस गांव में कितने तालाब है से होती थी। जिस गांव में जितने अधिक तालाब होते थे उस गांव की आबादी उतनी ज्यादा मानी जाती थी। यहां पर जो तालाब है उसमें न तो सफाई होती है न ही इसकी कोई देखभाल हो रही है। इसके चलते तालाब में हर जगह गंदगी ही गंदगी है। तालाब को अगर गंदगी का तालाब कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
गांव की पुरानी सभी धरोहरों का किया जाएगा सुंदरीकरण
शिव कुंड, गौशाई शामलात भूमि व मीठे कुएं भूमि जो पुरानी धरोहर है उनके सुंदरीकरण को लेकर पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूअर्बन स्कीम, मनरेगा, पंचायत फंड, एचआरडीएफ आदि फंडों से सौंदर्यीकरण किया जाएगा। पंचायत इसको लेकर प्रस्ताव पास करके जिला प्रशासन को भी भेज दिए गए है। वहां से मंजूरी मिलते ही यहां पर कार्य शुरू करवा दिए जाएंगे।
-भतेरी देवी, सरपंच, उचाना खुर्द।